Jaipur Crime News:ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी में पैसों के लेनदेन के मामले में अब नया खुलासा हुआ है.मानव अंग उत्तक प्रत्यारोपण अधिनियम के अनुसार प्रत्यारोपण के लिए सलाहकार समिति और राज्य स्तरीय प्राधिकरण होने चाहिए. 


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जिससे की किसी भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट के प्रकरण में सघन जांच के बाद ही उसे मंजूरी दी जाए.लेकिन चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने बीच में समिति और प्राधिकरण को भंग कर नई कमेटी बना दी. जिसकी बैठक भी नहीं हुई और फर्जी एनओसी जारी होती रही.


अंग प्रत्यारोपण को लेकर एक्ट ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बने एक्ट में प्रावधान है कि इसके लिए एक सलाहकार समिति और राज्य स्तरीय प्राधिकरण होने चाहिए.जिसमें प्रकरणों को रखा जाए. उनकी मंजूरी के बाद ही उसे एनओसी जारी की जाए. अभी प्रदेश में सलाहकार समिति और राज्य स्तरीय प्राधिकरण दोनों ही नहीं है और उनकी जगह चिकित्सा निदेशालय की ओर से बनाई गई नई कमेटी काम कर रही है.



पूरा प्रकरण संज्ञान में, जल्द बनेगी कमेटी


प्रदेश में एक्ट के हिसाब से कमेटी और प्राधिकरण का गठन नहीं होने पर चिकित्सा एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि ये मामला सरकार के ध्यान में है. इस पूरे मामले में जल्द ही एक्ट के हिसाब से सलाहकार समिति और राज्य स्तरीय प्राधिकरण का गठन किया जाएगा.


कमेटी और प्राधिकरण भंग क्यों किया जानकारी नहीं


चिकित्सा निदेशालय की ओर से समिति और प्राधिकरण को भंग कर नई समिति बना दिया गया. समिति भंग करने को लेकर चिकित्सा शिक्षा सचिव इकबाल खान ने कहा कि प्राधिकरण और कमेटी को क्यों भंग किया गया इसकी जानकारी नहीं हैं. समिति के अध्यक्ष चिकित्सा शिक्षा सचिव होते थे. 



जबकि प्राधिकरण के अध्यक्ष अधीक्षक या प्राचार्य होते थे.सरकार की ओर से ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर नई कमेटी तो बना दी गई, लेकिन कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई. जिससे फर्जीवाड़े का काम चलता रहा.


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