जयपुर डेयरी की जोनल मीटिंग खत्म, लंपी से दूध की किल्लत नहीं होने की कही बात
दौसा में जयपुर डेयरी की जोनल मीटिंग आरसीडीएफ की एमडी सुषमा अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई. राजस्थान को.ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रशासक एवं प्रबंध संचालक सुषमा अरोड़ा ने कहा है कि सहकारिता क्षेत्र की डेयरिया में जुड़ना दुग्ध उत्पादकों के लिये एक बुद्धिमत्तापूर्ण फैसला है.
Jaipur: दौसा में जयपुर डेयरी की जोनल मीटिंग आरसीडीएफ की एमडी सुषमा अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई. राजस्थान को.ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रशासक एवं प्रबंध संचालक सुषमा अरोडा ने कहा है कि सहकारिता क्षेत्र की डेयरिया में जुड़ना दुग्ध उत्पादकों के लिये एक बुद्धिमत्तापूर्ण फैसला है.
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इससे दुग्ध उत्पादकों के आर्थिक समाजिक एवं नैतिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की डेयरियां दुग्ध उत्पादकों का शोषण करने से नहीं चूकती. आवश्यकता के समय निजी डेयरियां दुध उत्पादकों से ज्यादा पैसे का लालच देकर दूध खरीदती है लेकिन बाद में मुंह फेर लेती . दुग्ध उत्पादकों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए इनके पास कोई योजना भी नहीं होती. इसलिए दुग्ध उत्पादकों को सहकारी डेयरियों की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.
सुषमा अरोड़ा ने दौसा में जयपुर डेयरी की जोनल मीटिंग में हजारों की संख्या में उपस्थित दुग्ध उत्पादकों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि दौसा क्षेत्र को 4 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध संकलन का लक्ष्य दिया गया है परन्तु दूध की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. दुग्ध उत्पादकों को लम्बी बीमारी से सतर्क रहने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है.
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लंबी बीमारी की विकट स्थिति में भी राजस्थान में दूध की किल्लत नहीं होने दी है. राज्य सरकार ने भी आरसीडीएफ द्वारा दूध की कमी नहीं होने देने की सराहना की है. जिसके लिए प्रदेश की सहकारी डेयरियों से जुड़े सभी दुग्ध उत्पादक बधाई के पात्र है. इस अवसर पर मौजूद जयपुर डेयरी अध्यक्ष ओमप्रकाश पूनिया,जयपुर डयेरी एमडी चांदमल वर्मा ने दुग्ध उत्पादकों को संबोधित किया. जयपुर और दौसा डेयरी के फील्ड अधिकारी भी जोनल मीटिंग में मौजूद रहें.