Jaipur: करौली जिला मुख्यालय पर त्रिलोकचंद्र माथुर स्टेडियम से सटी करोड़ों की मंदिर माफी पर अवैध कब्जा किया जा रहा. इस भूमि पर वक्फ बोर्ड करौली के सदर, सभापति प्रतिनिधि, मनोनीत पार्षद और सट्टा किंग अमीनुद्दीन खान द्वारा कब्जा कर समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है, इसकी शिकायत जिला कलेक्टर करौली को देकर अवगत कराया गया, जिस पर पटवारियों द्वारा 8 अगस्त को रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंपी गई.


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इस मंदिर माफी भूमि की जानकारी के बाद भी जिला प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है. मंदिर माफी भूमि पर कब्जा करने साथ राजकीय सम्पतियों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. राजनीतिक संरक्षण के चलते जिला प्रशासन-पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. रियासत करौली काल रिकॉर्ड में जमाबंदी में मंदिर माफी के नाम भूमि है. वहीं सेटलमेंट के समय वर्ष 2015 जमाबंदी में यह भूमि कल्याण राय मंदिर माफी के नाम दर्ज है, जिला प्रशासन-राजस्व विभाग की अनदेखी के चलते अब इस भूमि को परमानंद दास चेला घनश्याम दास बाबाजी के नाम दर्ज हो गई है.


साथ ही सरकार के राजनेताओं के संरक्षण के चलते करोडों की भूमि पर अवैध कॉलोनी बनाकर भूखंड बेचे जा रहे हैं. करौली सभापति प्रतिनिधि और उनकी  मां रशीदा खातून के सभापति होने के चलते नगर परिषद करौली से 90ए के पट्टा देने की कार्रवाई की जा रही है. सरकार को राज्यहित में गंभीरता से लेते हुए भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करें. 100 करोड़ की भू-माफियाओं भेट चढ़ने से मंदिर माफी भूमि बचाई जा सके.


Reporter: Damodar Raigar


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