Chomu: चौमूं नगरपालिका यूं तो विवादों में रहती है लेकिन इस बार EO की कुर्सी भी विवादों में घिर गईौजानकारी के मुताबिक नगर पालिका चौमूं में अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात देवेंद्र जिंदल को स्वायत शासन विभाग ने निलंबित कर दिया था. इस मामले को लेकर देवेंद्र जिंदल ट्रिब्यूनल कोर्ट में चले गए. इधर, स्वायत शासन विभाग ने एक आदेश निकाल कर जितेंद्र मीणा को कर निर्धारक नगर पालिका में लगा दिया. इधर ,कोर्ट ने इस निलंबन के आदेश को स्टे कर दिया. स्टे होने के बाद देवेंद्र जिंदल आज नगर पालिका चौमूं अधिशासी अधिकारी का पदभार ग्रहण करने के लिए पहुंचे लेकिन यहां कर निर्धारक जितेंद्र मीणा ने EO की कुर्सी नहीं छोड़ी.


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देवेंद्र जिंदल ने दूसरे कमरे में बैठकर पदभार ग्रहण करें ई-मेल के जरिए डीएलबी को सूचित कर दिया. टुकड़ों में बैठी कांग्रेस के एक गुट के पार्षदों ने अधिशासी अधिकारी देवेंद्र जिंदल का माला पहनाकर स्वागत सत्कार भी किया.तो वहीं चेयरमैन गुट के पार्षद मायूस नजर आए. दोपहर तक कुर्सी का ड्रामा चलता रहा सब कन्फ्यूजन थे कि आखिरकार इस कुर्सी पर कौन बैठेगा. इधर कर निर्धारक जितेंद्र मीणा कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे. मीणा ने कहा कि मैं डीएलबी के आदेशों का पालन कर रहा हूं जो डीएलबी आदेश करेगी वह मानूंगा.


EO की कुर्सी से पिता और पुत्र की साख भी जुड़ी हुई.गौरतलब है कि नगर पालिका चेयरमैन विष्णु सैनी, पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी के पुत्र हैं. चेयरमैन व पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी ओर देवेंद्र जिंदल के बीच लंबे समय से अनबन चल रही थी.चर्चा इस बात की है कि देवेंद्र जिंदल का इस वजह से 4 बार तबादला हो चुका और 4 बार जिंदल कोर्ट की शरण लेकर स्टे ले चुके है, पहले उन्हें तबादले पर कोर्ट से स्टे मिला और बाद में दो बार APO होने पर कोर्ट ने स्टे कर दिया. अब 1 माह पहले जब सस्पेंड किया गया तो फिर जिंदल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिर से स्टे ले लिया.


करीब 4- 5 घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद EO की कुर्सी पर बैठने की बात पर भी विराम लग गया. डीएलबी ने एक और आदेश निकाल कर देवेंद्र जिंदल को थानागाजी अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात कर दिया तब जाकर EO कुर्सी पर कौन बैठेगा इस बात पर विराम लग गया.


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