जयपुर: ऊर्जा की बढ़ती मांग की चुनौती पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन, पावर ट्रांसमिशन सिस्टम की तैयारी
राजस्थान प्रसारण निगम के द्वारा सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में भौगोलिक दृष्टि से सबसे अनुकूल राज्य है. जहां वर्ष में 10 माह सौर ऊर्जा के उत्पादन किया जा सकता है. राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है. यहां पवन तथा सौर ऊर्जा की विपुल संभावना है.
Jaipur News: राजस्थान प्रसारण निगम के द्वारा राजस्थान में ऊर्जा की बढ़ती मांग की चुनौती से निपटने हेतु भविष्य के पावर ट्रांसमिशन सिस्टम की तैयारी पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में भौगोलिक दृष्टि से सबसे अनुकूल राज्य है. जहां वर्ष में 10 माह सौर ऊर्जा के उत्पादन किया जा सकता है. राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है. यहां पवन तथा सौर ऊर्जा की विपुल संभावना है. वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा की निकासी के लिए 765, 400, 220 एवं 132 केवी के नये जीएसएस बनाये जा रहे है.
उत्पादित ऊर्जा की निकासी के लिए स्मार्ट ट्रांसमिशन पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो निवेषक राजस्थान में इस क्षेत्र में निवेश करना चाहते है उनके लिए निवेश के नियमों का और सरलीकरण किया जा रहा है ताकि निवेषकर्ता को कोई परेशानी नहीं हो. उर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि प्रसारण निगम तंत्र की रीयम टाईम निगरानी एवं नियंत्रण की सुविधा हेतु स्मार्ट ट्रांसमिशन नेटवर्क व एसेंट मैनेजमेन्ट सिस्टम (STNAMS) के जयपुर कमाण्ड कंट्रोल सेन्टर व जोधपुर व अजमेर के क्षेत्रीय कंट्रौल सेन्टर का वर्चुअल उद्धाटन किया.
इस अवसर पर राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम व कन्सट्रक्सन डवलपमेन्ट कॅाउनसिंल (CIDC) के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुये. जिसके अन्तर्गत (CIDC) हाइड्रोजन उत्पादन के उपकरणों व स्किल मैन पावर के क्षेत्र में सहयोग करेगी जिससे हाइड्रोजन ग्रीन एनर्जी का मुख्य स्त्रोत बन सके. कार्यक्रम में राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष बीएन शर्मा,प्रमुख ऊर्जा सचिव भास्कर ए सांवत, रॅायल डेनिस दूतावास के राजदूत फ्रेडी स्वेन, प्रसारण निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेषक आषुतोष ए.टी पेडनेकर समेत कई बडे अफसर और उर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञो ने अपना उद्बोधन दिया.
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सम्मेलन में भारतीय बिजली प्रसारण के क्षेत्र में प्रमुख उपयोगकर्ताओं और निवेष के अवसरों की भविष्य की योजनाओं पर सार्थक चर्चा हुई. सम्मलेन में हाल के रूझानों और उभरती चुनौतियों और संभावित समाधानों और रणनीतियों पर प्रकाष डाला गया. इस सम्मेलन में ट्रांसमिषन मे नई तकनीको, प्रमुख रूझानों विद्युत क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए नीति और नियामक समन्वयकारी बनाने एवं भविष्य के लिए तैयार नवीनीकरण ऊर्जा के लिए इकोसिस्टम बनाने पर चर्चा हुई.