Jaipur: राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा ’मन की बात’ - राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कार्यक्रम के बाद उपस्थित गणमान्यजन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐसी ऐतिहासिक और अनूठी पहल है, जिसमें नागरिकों से प्रधानमंत्री का सीधा संवाद होता है. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम लोगों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है.
Jaipur News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’मन की बात’ कार्यक्रम की सौवीं कड़ी की राजभवन में स्क्रीनिंग की गई. कार्यक्रम में कला, संस्कृति, चिकित्सा, खेल, उद्यमिता आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम सकारात्मकता और जन सहभागिता का उत्सव है, जो समाज में बदलाव लाने वाले प्रयासों को सामने लाकर दूसरों के गुणों से सीखने की प्रेरणा देने का कार्य कर रहा है.
मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर बोले कलराज मिश्र- ऐतिहासिक और अनूठी पहल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कार्यक्रम के बाद उपस्थित गणमान्यजन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐसी ऐतिहासिक और अनूठी पहल है, जिसमें नागरिकों से प्रधानमंत्री का सीधा संवाद होता है. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम लोगों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है, यही इसकी सफलता और सार्थकता है. उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम देश में हो रही प्रगति से तो अवगत कराता ही है, साथ ही उन लोगों के जीवन को भी सामने लाता है जो समाज के लिए कुछ अनूठा और महत्वपूर्ण कर रहे हैं.
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग, पर्व, उद्यम, भाषा, परम्परा, खान-पान सहित अनेक विषयों को अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से छुआ है. उन्होंने इसी कार्यक्रम के माध्यम से देश में स्वच्छता, वोकल फॉर लोकल, खादी को अपनाने का आह्वान किया. स्टार्टअप्स का सशक्त तंत्र विकसित करने के लिए युवाओं को जागरुक करने, योग की संस्कृति के प्रसार, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने में भी इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ’मन की बात’ कार्यक्रम की पिछली कड़ियों को सौ करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार सुना है. करीब 23 करोड़ लोग इसे नियमित रूप से सुनते हैं. उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी प्रसारण होने के बाद से इस कार्यक्रम को निरंतर सुनते रहे हैं.
'मन की बात' कार्यक्रम ईश्वर रूपी जनता जनार्दन तक आध्यात्मिक यात्रा- प्रधानमंत्री
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ’मन की बात’ की इस विशेष कड़ी में देशवासियों से संवाद करते हुए कहा कि 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी के दिन से ’मन की बात’ कार्यक्रम की यह यात्रा शुरू हुई. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें कभी भी आमजन से दूर नहीं होने दिया। उनके लिए ’मन की बात’ कार्यक्रम ईश्वर रूपी जनता जनार्दन तक आध्यात्मिक यात्रा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में जिन लोगों का जिक्र उन्होंने किया है, वे समाज के हीरो हैं. उन्होंने सौवीं कड़ी के दौरान ऐसे कुछ लोगों से फिर से बात की, जिनको वे उनके विशिष्ट कार्यों के लिए पहले की कड़ियों में सामने ला चुके थे. उन्होंने सेल्फी विद डॉटर्स अभियान की प्रेरणा बने
हरियाणा के सुनील जगलान, जम्मू -कश्मीर के पेंसिल स्लेट व्यवसायी मंजूर अहमद, हिमालय की सफाई के लिए काम कर रहे प्रदीप और मणिपुर की विजय शांति से बात कर जाना कि ’मन की बात’ में आने के बाद उनके कार्य को कितनी गति मिली है.
प्रधानमंत्री मोदी ने यूनेस्को महानिदेशक का संदेश कार्यक्रम में प्रसारित किए जाने के बाद बताया कि शिक्षा और संस्कृति संरक्षण भारत की प्राचीन परम्परा का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति और शिक्षा में तकनीकी अनुप्रयोगों को अपना कर इसे गति प्रदान की गई है. उन्होंने नागरिकों से विदेश यात्रा से पहले देशी पर्यटन स्थलों पर जाने का आह्वान भी किया.
ये भी पढ़ें- Rajasthan-1 मई से सरकार ने ATM और GST पर बदले ये नियम, जानिए जेब पर पड़ेगा कितना असर
सौवीं कड़ी के प्रसारण के बाद कार्यक्रम की पिछली कड़ियों में शामिल रहे श्री मोहम्मद असलम ने बताया कि किसानों को मंडी भाव बताने के लिए उन्होंने जो एप बनाया उसका जिक्र प्रधानमंत्री जी ने ‘मन की बात’ में किया. गारमेण्ट क्षेत्र से जुड़े श्री सेठा सिंह रावत ने बताया कि कोविड काल में मास्क की कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने दर्जी ऑनलाइन के माध्यम से काम किया. प्रधानमंत्री जी ने इस प्रयास को अपने कार्यक्रम में जगह दी.
सुल्तान बावड़ी की सफाई का बीड़ा उठाने वाले श्री सुनील सत्यनारायण, बुनकरों के लिए काम करने वाली हस्तकला विशेषज्ञ रुमा देवी, पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे पद्म लक्ष्मण सिंह, प्रख्यात सितार वादक विश्व मोहन भट्ट ने भी कार्यक्रम के बाद अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में पैरालिम्पियन देवेन्द्र झाझड़िया, निशानेबाज अवनि लेखरा , गायक श्री रवीन्द्र उपाध्याय, गजल गायक अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन ने भी विचार व्यक्त किए.
आजादी के अमृत महोत्सव और केन्द्र सरकार की नौ साल की उपलब्धियों पर आधारित मल्टीमीडिया डिजिटल प्रदर्शनी प्रसार भारती की ओर से इस अवसर पर राजभवन में लगाई गई, राज्यपाल श्री मिश्र ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर इसे सराहा. प्रदर्शनी में आत्मनिर्भर भारत, नारी शक्ति, स्वच्छ भारत, अन्नदाता, स्वास्थ्य के लिए योग, पर्यावरण संरक्षण, निस्वार्थ सेवा, डिजिटल इंडिया, फिट इंडिय से जुड़े विभिन्न आयामों को प्रदर्शित किया गया.