Jaipur: प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों का महापड़ाव आज 11वें दिन भी जारी है. कर्मचारियों ने आरपार की लड़ाई का ऐलान करते हुए कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को लेकर आदेश नहीं सौंपती है तब तक महापड़ाव जारी रहेगा. उधर बाबूओं की हड़ताल के कारण आम आदमी के सरकारी दफ्तरों में कामकाज के साथ भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट, नई भर्तियां तक अटकी हुई है. इधर जनप्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाबुओं की मांगों पर गौर फरमाने का आग्रह किया है.


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जयपुर के मानसरोवर में शिप्रापथ ग्राउंड पर चल रहे महापड़ाव में गुरुवार को भी बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए. इनमें महिला कर्मचारी भी बड़ी तादाद में आंदोलन में शामिल थी. प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा मंत्रालयिक कर्मचारी 10 अप्रैल से अवकाश पर हैं. वहीं 17 अप्रेल से हजारों की तादाद में प्रदेशभर के कर्मचारी महापड़ाव पर बैठे हैं. वहीं दूसरी ओर मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए 50 से ज्यादा विधायकों, मंत्रियों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने सीएम को पत्र लिखा है.


थर्ड ग्रेड का रिजल्ट, भर्तियां अटकी !


जानकारी के अनुसार मंत्रालयिक कर्मचारियों के अवकाश पर रहने के कारण प्रदेश में की जानी वाली नई भर्तियां और थर्ड ग्रेड भर्ती का रिजल्ट सहित आम जनता के काम तक अटके हुए हैं. सरकारी कार्यालयों में अधिकांश काम बाबुओं के जिम्मे होता है. ऐसे में बाबूओं के अवकाश पर रहने के कारण फाइलें एक जगह ठप हो गई है, सारे काम अटक गए हैं. 


बेरोजगार महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने भी महापड़ाव पहुंचकर मंत्रालयिक कर्मचारियों से चर्चा की. उपेन यादव ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगे मानें जिससे सरकारी कार्यालयों में कामकाज सुचारू हो सके. यादव ने बताया कि बाबूओं के अवकाश के कारण भर्तियां अटकी हुई है, वहीं थर्ड ग्रेड के रिजल्ट में देरी भी देरी हो रही है. इधर बाबुओं के अवकाश पर रहने के कारण सरकार के महंगाई राहत कैम्पों पर भी असर पड़ा है.


इनका कहना है 


राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राजसिंह चौधरी का कहना है कि सरकार ने अभी तक हमारी सुनवाई नहीं की है. हम सरकार से कोई ज्यादा नहीं मांग रहे हैं. समकक्ष कैडर के समान कार्य समान वेतन मांग रहे हैं . मुख्यमंत्री कहते हैं कि मांगते मांगते थक जाओगे, लेकिन मैं देते देते नहीं थकूंगा. अब मुख्यमंत्री का यह कहना क्या झूठ था. मुख्यमंत्री हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें.


बाबूओं की ये हैं प्रमुख मांगें


- पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे समकक्ष अन्य कैडर ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवक्षक के अनुरूप 2800 के स्थान पर 3600 ग्रेडपे की जाए .


-सहायक प्रशासनिक अधिकारियों की ग्रेड पे 4200 तथा अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 7600 की जाए.


- अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग में स्थापना के बाद ग्रेड पे 8700 का मुख्य संस्थापन अधिकारी के नाम से सृजित किए जाएं.


- वर्ष 2013 में किेए गए प्रारम्भिक वेतन की कटौती समाप्त कर वापस 9840 की जाए.


-अधीनस्थ विभागों में निगमों में कनिष्ठ सहायक की योग्यता स्नातक की जाए.


- राज्य एवं अधीनस्थ सेवाओं में मंत्रालयिक संवर्ग के लिए 25 प्रतिशत पदोन्नति का कोटा तथा भर्ती में साढे बारह प्रतिशत निर्धारित किया जाए.


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