Jaipur News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यक्रम में जैन मुनि शशांक सागर महाराज से मुलाकात की.  जैन मुनि शशांक सागर महाराज ने कहा कि लोग मुझे अपने घर ले जाना चाहते हैं, लेकिन मैं मुख्यमंत्रीजी आपके घर आना चाहता हूं. इसके मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी लगे हाथ जैन मुनियों को मुख्यमंत्री आवास आने के लिए आमंत्रित कर दिया.


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इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि संत मुनि राष्ट्र की धरोहर, उन्होंने समाज और सरकार को दिशा देने का काम किया. सीएम ने राजस्थान आने वाले संतों को राजकीय अतिथि का दर्जा देने और जैन छात्रावास के लिए जमीन देने की घोषणा भी की.


राजस्थान जैन सभा की ओर से महावीर स्कूल में सामूहिक क्षमापना पर्व समारोह रखा गया था. समारोह में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के सथ ही सात जैन संत मुनि भी आशीर्वाद देने पहुंचे. इनके अलावा शहर सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं मौजूद रहीं. इस दौरान शशांक सागर महाराज ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सहज सरल और सौम्य स्वभाव का व्यक्ति बताते हुए कहा कि राजस्थान को विकसित प्रदेश में लेने का काम करेंगे.


इस दौरान मुनि ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके घर में हमें भी बुलाया करो, एक समय क्षमावाणी मुख्यमंत्री आवास में भी मानना चाहिए. तुम्हारे घर में क्षमावाणी होगी तो पूरे प्रदेश के लोगों की क्षमावाणी होगी. शशांक सागर महाराज ने कहा कि संत राष्ट्र की संपति के बराबर है, उन्हें भी राजकीय अतिथि का पद देना चाहिए.


शशांक सागर महाराज ने कहा कि लोग मुझे अपने घर ले जाना चाहते हैं, लेकिन मैं मुख्यमंत्री जी आपके घर आना चाहता हूं. संतों के करीब होने से पावन पर्व होता है. यहां मौजूद सात संत सातों वार के बराबर है, आपका पुण्योदय हुआ है. इस मौके पर जैन मुनि ने कविता में मुख्यमंत्री से कहा कि न बटुआ, न बैंक में खाता, ना लिफापा, न बेटा...फकीरी ऐसी की सब कुछ लुटा बैठे, अमीरी ऐसी की आपसे ऊपर आ बैठे, इसलिए मुख्यमंत्री घर छोड़कर हमसे मिलने आता है.


इसके बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि संत राष्ट्र को रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं. मैं सौभाग्यशाली हूं कि एक साथ-7 संतों, मुनियों के दर्शन का पुण्य लाभ लिया. क्षमा याचना से आत्म शुद्धि होती है, संबंधों में सुधार होता है.  क्षमा याचना से मानसिक शांति भी मिलती है, क्षमा व्यक्तियों को अपनी गलतीयों से मुक्ति का बोध कराती है. गलती होना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है, लेकिन उस गलती को मान कर क्षम मांगना वीरता है.


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी. जैन समाज समाज के हर वर्ग का सहयोग करने का काम करता है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा अहिंसा शारीरिक हिंसा के अलावा मानसिक और वाचिक हिंसा से दूर रहने की प्रेरणा देती है.


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारे देश में हजारों सालों से संत ऋषि मुनियों ने इस देश को दिशा देने का काम किया है. ऋषि मुनियों ने समय-समय पर समाज और सरकार को दिशा देने का काम किया है. मैं आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ व्यक्ति हूं. समाज कल्याण के लिए जैन धर्म के सिद्धांतों को आत्मसात करते रहेंगे. राजस्थान में कोई भी संत आता है तो उन्हें राजकीय अतिथि के रूप में दर्जा मिलेगा. मैंने आते ही सबसे पहले आर्डर दिया था.



मुख्यमंत्री ने जैन संत के आग्रह के जवाब में कहा कि अक्टूबर माह का कोई भी रविवार आप ही तय कर दें और आप जैन संत मुख्यमंत्री आवास पर पधारें. मैं आपको आकर आमंत्रित करना चाहता हूं, आपका स्वागत सत्कार है. ऐसे भाग्य कहां जो संतों का सानिध्य मिले. संतो के चरण अगर किसी के घर में पड़ते हैं तो वह बहुत सौभाग्यशाली होते हैं. मेरे घर तो गंगा चलकर आ रही है, इससे बड़ा सौभाग्य नहीं हो सकता है. संतोष और मुनियों के विचार कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, इस पर विचार करना आवश्यक है. मुनियों के संतों के विचार युवा पीढ़ी आत्मसात करें इसकी बहुत जरूरत है.


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