Jaipur News:राजस्थान में मई के महीने से पहले ही गर्मी के बीच जलसंकट की स्थिति पैदा होने लगी है.मरुधरा में तापमान 40 के पार भी नहीं पहुंचा कि पानी की सप्लाई 4 दिन में महज एक बार हो रही है.


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जलसंकट से राजस्थान के 11 शहर त्राहिमाम की स्थिति से जूझ रहे है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांवों का क्या हाल हो रहा होगा.देखिए जलसंकट पर संवाददाता आशीष चौहान की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..!



शहरों ये हाल,तो गांवों में क्या स्थिति होगी


रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून,पानी गए न ऊबरे,मोती मानुस चून...! राजस्थान में मई-जून से पहले ही बिन पानी सब सूना सूना हो गया,क्योंकि यहां जलसंकट से गांव ही नहीं,बल्कि शहरों में त्राहिमाम मच गई है.मरुधरा में तापमान 33 डिग्री के आसपास है,लेकिन 96 घंटे में एक बार पेयजल सप्लाई हो रही है.


तेज गर्मी के बीच 11 शहरी कस्बों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग 4 दिन में सिर्फ एक बार ही पानी की सप्लाई कर रहा है.जिस कारण पेयजल संकट गहराता जा रहा है.जलदाय विभाग के शहरी चीफ इंजीनियर राकेश लुहाडिया का कहना है कि इन कस्बों में टैंकर के जरिए पानी की सप्लाई की जा रही है.आम लोगों से अपील है कि गर्मियों में पानी सदुपयोग करे,ताकि जलसंकट की स्थिति से निपट सके.



मरुधरा के ये 11 शहर,जहां जलसंकट सबसे ज्यादा


जिला...........कस्बा............. पेयजल सप्लाई


बाडमेर..... सिवाना,बालोतरा............. 96 घंटे में 1 बार


जालौर..... भीनमाल...............            96 घंटे में 1 बार


सीकर...... श्री माधोपुर.............. 96 घंटे में 1 बार


नागौर....... मकराना,बोरवाड............ 96 घंटे में 1 बार


दौसा........ बसवा,बांदीकुई,दौसा.......... 96 घंटे में 1 बार


राजसमंद...... देवगढ़,आमेठ............. 96 घंटे में 1 बार


जयपुर से 90 किलोमीटर दूरी पर जलसंकट
जयपुर से 90 किलोमीटर दूर विराटनगर की तस्वीर भी कुछ इसी तरह के पानी के संकट को बयां कर रही है.जहां कुएं है,घरों में पानी के कनेक्शन है,लेकिन पानी नहीं.लोगों को दूर दराज के इलाकों से पानी भरकर लाना पड़ता है.


इसके अलावा हमीरगढ,गंगापुर,नीमज,डीडवाना,मेडतासिटी,बासनी,खेडली,बहादुरपुर,कांमा,सादडी,बाडमेर,सम्दडी में भी 72 घंटे के भीतर सिर्फ एक बार सप्लाई की जा रही है. इसके अलावा 110 कस्बों में 48 घंटे में पेयजल सप्लाई हो रही.पिछले साल में इन इलाकों में कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी.
 



पिछले साल के मुकाबले जलसंकट बढ़ा


पेयजल सप्लाई........2023 में.......... 2024 में


96 घंटे में 1 बार...... 10 कस्बे...........11 कस्बे


72 घंटे में 1 बार...... 13 कस्बे..........13 कस्बे


48 घंटे में 1 बार...... 95 कस्बे..........110 कस्बे


अभी मई-जून का महीना बाकी
अभी मई-जून का महीना बाकी है,ऐसे में राजस्थान में जलसंकट को लेकर और स्थिति खराब होने वाली है.इसलिए इस संकट से निपटने के लिए केवल सरकार और प्रशासन ही नहीं बल्कि जनसहभागिता भी बहुत जरूरी है,जल है तो कल है,जल के लिए बिना जीवन संभव नहीं.इसलिए इन बातों गौर करते हुए हमारे कल के लिए पानी बचाना बहुत जरूरी है.


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