Jaipur: इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स के राजस्थान चैप्टर की ओर से राष्ट्रिय अधिवेशन का आयोजन प्रेस क्लब में किया गया. जिसमें जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व सांसद सलमान खुर्शीद, विधायक अमिन कागजी, रफीक खान सहित  इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स के पदाधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान फारुख अब्दुल्ला ने देश के मौजूदा हालातों पर बात करते हुए कहा कि मुसलमान भी देश में बराबर का हिस्सेदार हैं. इस देश में 22 करोड मुसलमान रहते हैं. देश में एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है. 22 करोड़ मुसलमानों को कहां फेंक दोगे. 


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देश में सभी हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं है और न ही मुसलमानों के दुश्मन हैं. इस देश के बहुसंख्यक हिंदू भी देश के वर्तमान हालत से चिंतित हैं और चाहते हैं कि देश की हालत बदलने चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले मुस्लिमों को एकजुट होना होगा, सभी वर्गों को एकजुट होना होगा.


हम सब एकजुट हो गए तो हिंदुस्तान का संविधान कोई नहीं बदल सकता. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हिंदुस्तान एक बहुत बड़ा देश है यहां पर खतरे आते हैं लेकिन हिंदुस्तान सुरक्षित है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोगों के बीच गलतफहमी फैलाई जा रही है. हिंदू के मन में मुसलमान के प्रति और मुसलमान के मन में हिंदू के प्रति गलत बातें फैलाई जा रही हैं. देश में हिंदू, मुसलमान, सिख, इसाई सभी लोग मिलकर रहेंगे तो देश मजबूत रहेगा. अगर हम बिखर गए तो देश बिखर जाएगा. उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए सरहदों पर जब सैनिक खड़े होते हैं तो उनका धर्म नहीं पूछा जाता है कि वे किस धर्म से हैं, सब मिलकर देश की रक्षा करते हैं.


गहलोत सरकार के कामकाज की तारीफ
 
अब्दुल्ला ने राजस्थान में हो रही गुटबाजी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को दूर नहीं किया गया और सभी नेताओं को साथ लेकर नहीं चला गया तो राजस्थान जैसा राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगा और इसका नुकसान पार्टी को होगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने अच्छा काम किया है. योजनाएं अच्छी हैं, लेकिन उनके भरोसे रहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को साथ लेकर नहीं चला गया तो राजस्थान जैसा राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगा और इसका नुकसान पार्टी को होगा.
 
राहुल गांधी को मिलना चाहिए संसद में अपनी बात रखने का मौका


वहीं, राहुल गांधी को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राहुल गांधी को संसद में अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए, वो चुने हुए सांसद हैं. अगर उन्होंने कोई गलत बात बाहर बोली है और वो अपनी बात संसद में रखना चाहते हैं, तो उन्हें सुनना चाहिए. उसके बाद ही फैसला करना चाहिए कि क्या गलत है और क्या सही है. सबको अपनी अपनी बात कहने का अधिकार है, लोकतंत्र में सबको अपनी अपनी बात कहने का अधिकार मिला हुआ है.