Jaipur News: राजस्थान के जयपुर जिले की स्थाई लोक अदालत ने द्रव्यवती नदी में गंदगी और अव्यवस्थाओं से जुड़े मामले में जेडीए सचिव और टाटा प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर्स को 30 जनवरी तक जवाब देने के लिए लिए सेशन कोर्ट के जज ने कहा है. जयपुर की लोक अदालत ने यह आदेश ओमप्रकाश सैनी के प्रार्थना पत् दायर करने पर दिए है.


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ओमप्रकाश सैनी के प्रार्थना पत्र में कहा कि अमानीशाह नाले की साफ-सफाई और उसे सुव्यवस्थित करने के लिए टाटा प्रोजेक्ट को द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट का काम दिया था. प्रोजेक्ट के तहत नाले को पक्का कर उसकी नियमित साफ-सफाई करने और वहां पर गंदगी नहीं होने की जिम्मेदारी दी गई थी. 


प्रार्थना पत्र में कहा गया कि गत दस नवंबर को प्रार्थी परिवार सहित द्रव्यवती नदी को देखने गया तो उन्हें वहां जगह-जगह गंदगी मिली. इसके साथ ही नदी से निकाले कचरे को भी वहीं पटका हुआ था. जबकि प्रोजेक्ट के अनुसार नदी में बहने वाले पानी को ट्रीट कर साफ करना था. 


नदी के पानी में भयंकर बदबू और गंदगी से परिवादी की तबीयत खराब हो गई. इसी वजह से गंदगी के कारण समीप के लोगों व यहां घूमने आने वालों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है. जेडीए व टाटा प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी है कि वे नदी को साफ-सुथरा रखें व उसमें गंदगी नहीं होने दें, लेकिन दोनों की लापरवाही के चलते द्रव्यवती नदी में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. इसलिए अदालत जेडीए व टाटा प्रोजेक्ट को निर्देश दिए जाए कि वे नदी को साफ-सुथरा रखें और उसमें गंदगी नहीं होने दें. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जेडीए और टाटा प्रोजेक्ट से जवाब तलब किया है.
Reporter: Mahesh pareek 


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