Jaipur : सरकार ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए डॉ. समित शर्मा को पीएचईडी की जिम्मेदारी दी है. आईटी फ्रेंडली समित शर्मा ने जलदाय सचिव का पदभार संभाल लिया है. समित शर्मा की ज्वाइनिंग के बाद से ही जलदाय विभाग में हलचल तेज हो गई है.क्योकि पारदर्शिता के लिए आईएएस समित शर्मा जाने जाते है.आखिर डॉक्टर अब कैसे इंजीनियर्स का इलाज करेंगे,देखिए इस खास रिपोर्ट में...


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गेट ही पारदर्शी नहीं, काम में पारदर्शिता


राजस्थान में अपने काम को लेकर पारदर्शी रहने वाले समित शर्मा हमेशा से ही चर्चाओं में रहते है. क्योकि उनके दफ्तर या खिडकी का गेट ही पारदर्शी नहीं रहता, बल्कि काम भी नीट एंड क्लीन होता है, इसलिए समित शर्मा के जलदाय सचिव बनने के बाद हलचल तेज हो गई है. क्योकि समय पर दफ्तर तो आना ही होगा,इसके साथ साथ भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी.गंदगी केवल दफ्तर या पानी से ही साफ नहीं होगी,बल्कि परियोजनाओं में जमे हुए भ्रष्टाचार की परते भी खुलेगी.इसलिए अब यही कहा जा रहा है कि पीएचईडी में इंजीनियर्स और ठेकेदार के गठजोड़ का डॉक्टर साहब इलाज करेंगे.क्योकि आईएएस समित शर्मा पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर भी है.


इन पर लगाम लगना जरूरी


  • जलदाय विभाग में सबसे बडा मुद्दा है कमीशनखोरी.कहा ये जाता है कि विभाग में बिना कमीशन के कोई काम नहीं होता है.चाहे टैंडर की बात की जाए या फिर आम लोगों को पेयजल कनेक्शन की.हाल ही में शाहपुरा में जेईएन अर्चना सुमन का वीडियों वायरल हुआ था.

  • परियोजनाओं के टैंडर में प्रतिस्पर्धा कम होती जा रही है,क्योकि इंजीनियर्स अपने मुताबिक शर्त लगाते है.इससे चुनिंदा कॉन्ट्रेक्टर्स ही टैंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले पाते है.

  • प्रोजेक्ट में टैंडर होने से पहले ही साइट विजिट की शर्त रखी जाती है.जिस कारण पारदर्शिता पूरी खत्म हो रही है.

  • पाइप लाइन कागजों में डली हुई है,ग्राउंड पर लाइनें गायब रहती है.पैमेंट भी इंजीनियर्स की मिलीभगत से किया जाता है.सबसे ताजा उदाहरण शाहपुरा है.

  • रजिस्ट्रेशन और फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनाए जाते है.जिससे कॉन्ट्रेक्टर्स को आसानी से टैंडर मिल जाते है.

  • समय पर इंजीनियर्स दफ्तर पर नहीं आते,जिस कारण पेयजल उपभोक्ताओं को परेशानी होती है.खासकर ग्रामीण इलाकों का हाल बेहाल है.


पानी पिलाने के साथ भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे


अब ऐसे में सवाल ये है कि समित शर्मा इन चुनौतियों को कैसे पार कर पाते है.क्योकि जनता को पानी पिलाने के साथ साथ भ्रष्टाचार को खत्म करना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी.हालांकि समित शर्मा आईटी फ्रेंडली है.ऐसे में वे आईटी के जरिए पूरे विभाग पर कंट्रोल करने की कोशिश जरूर करेंगे.