Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी के तौर पर लगे शिक्षक को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में उच्च शिक्षा सचिव और कॉलेज शिक्षा आयुक्त सहित अन्य से जवाब तलब किया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुनवाई के दौरान दिए आदेश


जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने रोक लगाने के आदेश अमित यादव की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि याचिकाकर्ता का चयन करने के बाद उसे बिना सुनवाई का मौका दिए हटाया क्यों जा रहा है.


याचिकाकर्ता ने बताया मामला


याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का विद्या संबल योजना के तहत सीकर की राजकीय कला महाविद्यालय में व्याख्याता के तौर पर चयन हुआ था. राज्य सरकार के आदेश की पालना में उसने गत 8 जुलाई को कार्यग्रहण भी कर लिया. वहीं 15 जुलाई को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा कि ओपीजेएस विवि से डिग्री लेने वाले अभ्यर्थियों को अध्यापन कार्य के लिए आमंत्रित नहीं किया जाए और जो अभ्यर्थी कार्य ग्रहण कर चुके हैं, उन्हें सेवा से हटाया जाए.


याचिकाकर्ता के पास सभी डिग्री मौजूद


याचिकाकर्ता की ओपीजेएस विवि से पीएचडी की डिग्री होने के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया. याचिका में कहा गया कि उसने इस विश्वविद्यालय से पूरा अध्ययन कर डिग्री ली है. इसके अलावा उसे सेवा से हटाने से पहले न तो नोटिस दिया गया और ना ही उसका पक्ष सुना गया. ऐसे में राज्य सरकार का यह आदेश अवैध है. इसलिए इस आदेश को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता को सेवा में बनाए रखा जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने पर रोक लगा दी है.


यह भी पढ़ें- ज्वेलरी शॉप में ठगी की बड़ी वारदात, लाखों के जेवरात लेकर 3 महिला और 3 पुरुष फरार


राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Rajasthan Newsऔर पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!