Jaipur News: पर्यावरण को संरक्षण, कचरे को कम करने और जरूरतमंद लोगों की सहायता से नगर निगम ग्रेटर आयुक्त रूक्मणि रियाड ने पहल की है. नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय और सभी जोन कार्यालयों में थ्री-आर केंद्र की स्थापना की है. इस केंद्र का उद्देश्य आमजन को प्रोत्साहित करना है कि वे अपने घर से ऐसा सामान, जो उनके उपयोग में नहीं आ रहा है पर किसी जरूरतमंद के काम आ सकता है, जमा करें. 


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स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में रैंकिंग सुधारने की कवायद नगर निगम ग्रेटर ने शुरू कर दी है. खास तौर से अनुपयोगी सामान, जिसका निस्तारण नहीं होने के अभाव में लोग अपने घरों से निकालकर बाहर फेंक देते हैं जबकि वह किसी के काम आ सकता है. निगम सबसे पहले इस तरह के वेस्ट की परेशानी को अपने थ्री-आर मॉड्यूल से खत्म करने जा रहा है. 


इसके लिए नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने नगर निगम मुख्यालय और जोन स्तर पर  थ्री-आर यानि की रिसाइकल, रिड्यूस और रीयूज केंद्र की स्थापना हैं. इन केंद्रों पर नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों ने अपने घर से अनुपयोगी सामान जैसे कपड़े, खिलौने, जूते-चप्पल जमा करवाना शुरू कर दिया है. नगर निगम ग्रेटर आयुक्त रुकमणि रियाड ने कहा की आप का प्रयोग किया हुआ सामान जो कि आपके अनुपयोगी है वह किसी और के लिए उपयोगी भी हो सकता है, हमारी यह पहल पर्यावरण संरक्षण, कचरे को कम करने  के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के उद्देश्य से शुरू की गई है. 


उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा की इस नेक कार्य में अपना योगदान दें और अपने अनुपयोगी कपड़े और अन्य सामान को अपने नजदीकी ट्रिपल आर केंद्र पर जमा करें. नगर निगम ग्रेटर के हेल्थ उपायुक्त नवीन भारद्वाज का कहन हैं कि घरों में गैर जरूरी इस्तेमाल की चीजों को पुन: उपयोग लायक बनाने की लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है. 


नगर निगम ग्रेटर उपायुक्त नवीन भारद्वाज का कहना हैं की अनुपयोगी सामान को एकत्र करने के लिए नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने अलग अलग जगह पर सेंटर स्थापित किए हैं, जहां नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी सहित शहर के लोग अपने घरों की अनुपयोगी वस्तुओं को जमा करा सकते हैं. 


सेंटर्स पर आने वाले पुराने कपड़े और पुराने जूतों को जरूरतमंद और स्लम एरिया में वितरित करने का निगम का प्लान है. इसके लिए बकायदा कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमे सामान का ब्यौरा रखने का काम करेंगे. उन्होने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण मेंरिसाइकल, रिड्यूस और रीयूज  सेगमेंट पूरा करने पर 80 अंक मिलेंगे इसलिए इसकी शुरूआत स्वच्छता सर्वेक्षण के साथ जरूरतमंदों की मदद के लिए भी की हैं. 


उन्होने बताया कि कपड़े, जूते-चप्पल, स्टेशनरी में किताबें, स्कूल का बैग, टिफिन, पानी की बोतल, खिलौने तथा खेलों का सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं जो कि अकसर आम घरों में ज्यादा होने के कारण अनुपयोगी रह जाती हैं. प्लास्टिक या मेटल के कंटेनर, थर्माकोल के पैकिंग के बक्से, वाशबेसिन, टॉयलेट सीट, बाथ टब, मिट्टी के बर्तन-मटके इन कलेक्शन सेंटर में दिए जा सकते हैं, जो कि किसी अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के काम आ सकें. 


बहरहाल, ट्रिपल आर के जरिए स्वयंसेवी संस्थाओं, स्कूल-कॉलेजों के स्टूडेंट्स की भी मदद ली जाएगी, जो शहरवासियों को समझाएंगे कि अगर उनके घर में कोई ऐसी गैर जरूरी वस्तु है, जिसे वे बाहर फेंकना चाहते हैं तो उसे वह ट्रिपल आर सेंटर तक पहुंचाएं. इस तरह शहर में पुराने कपड़ों के लिए नेकी की दीवारों पर लोग अपने गैर इस्तेमाल के कपड़ों को रख जाते हैं और जिन लोगों को इनकी जरूरत है वे वहां से लेकर चले जाते हैं. ठीक इसी तरह घरों की गैर जरूरी चीजों के लिए भी ट्रिपल आर सेंटर स्थापित किए गए हैं. 


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