Rajasthan News: PHED में ड्रामे के बीच "भगवान" भरोसे "कंस्ट्रक्शन" हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस फर्म को महज दो महीने पहले ही घटिया ट्यूबवेल निर्माण और पाइप चोरी पर जलदाय विभाग ने मुरलीपुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी, अब उसी फर्म को फिर से कार्य दे दिया. जांच कमेटी ने मुरलीपुरा में घटिया कार्यों पर AEN उषा चौधरी, JEN अक्षय मीणा घटिया निर्माण को लेकर सस्पेंड किया, लेकिन विभाग ने मेहरबानी दिखाते हुए भगवान सिंह कंस्ट्रक्शन फर्म को ब्लैक लिस्टेड की बजाय डिबार किया. 


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इंजीनियर्स सस्पेंड, फर्म पर खानापूर्ति
अधीक्षण अभियंता भवानी सिंह शेखावत ने ठेकेदार का नियमानुसार कार्य को बढ़ा दिया है, लेकिन फर्म पर कठोर कार्रवाई नहीं की. उल्टा फिर से फर्म काम करना शुरू कर दिया. जलदाय विभाग ने भगवान कंस्ट्रक्शन फर्म पर पाइप चोरी की एफआईआर दर्ज करवाई, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. हां इंजीनियर को जरूर तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया.



फिर से सीन रिक्रिएट हुआ
जलदाय सचिव डॉ.समित शर्मा के निर्देश के बाद चीफ इंजीनियर शहरी राकेश लुहाडिया, एडिशनल चीफ इंजीनियर अमिताभ शर्मा की मौजूदगी में जांच कमेटी ने कार्रवाई की थी. इंजीनियर्स पर तो गाज गिर गई, लेकिन फर्म पर मेहरबानी दिखाते हुए सिर्फ एक साल के लिए डिबार किया. ऐसा पहली बार नहीं है कि जब जलदाय विभाग ने फर्मों पर मेहरबानी की हो, बल्कि इससे पहले भी कई बार फर्मों को बचाने का प्रयास किया गया. दूदू जल जीवन मिशन की गड़बड़ी में भी तीन इंजीनियर्स को सस्पेंड किया, लेकिन यादव कंस्ट्रक्शन फर्म पर जलदाय विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. 



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