Rajasthan News: जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा अभी थमा ही नहीं था कि जलदाय विभाग ने पिछली सरकार में हुए खरीद और ऑफलाइन टैंडरों का मुद्दा गर्म हो गया है. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने करोड़ों की खरीद-टेंडरों में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए जांच बैठाई है. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के निर्देश पर चीफ इंजीनियर प्रशासन दिनेश गोयल ने जांच के आदेश दिए. ये जांच RTPP नियमों के उल्लंघन पर बैठाई गई है. 3 साल में इंजीनियर्स ने मिलीभगत कर 15 डिविजनों में खरीद और ऑफलाइन टैंडरों में भारी अनियमित्ताएं की. 


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क्या गडबडी हुई ?
RTPP नियमों के तहत एक डिवीजन में अधिकतम 10 लाख तक की खरीद की जा सकती है, लेकिन पिछले 3 सालों में एक ही डिवीजन में 50 लाख से अधिक की खरीद की गई है यानी करोड़ों की खरीद नियमों को ताक पर रखकर की गई. वहीं, ऑफलाइन 5 लाख से कम के 4 लाख 90 हजार के करोड़ों के टेंडर किए गए, जबकि इंजीनियर्स इन टेंडर को एक साथ भी कर सकते थे. नीमकाथाना में तो 2022-23 में 5 लाख रुपए से कम के ऑफलाइन 153 टेंडर लगे थे.



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कहां-कहां जांच शुरू हुई ? 
अब जलदाय विभाग ने जोधपुर, जैसलमेर, सांचौर, सोजत, पाली, उदयपुर, बांसवाड़ा, नीमकाथाना, सीकर, शाहपुरा, पावटा, बालोतरा, झालावाड़, अनुपगढ, निंबाहेड़ा, भादरा, बालेसर, झुंझुनू डिवीजन के साथ जालौर सर्किल की जांच शुरू कर दी है. अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को पत्र लिख 15 दिन में रिपोर्ट FA & CAO को सौंपने के निर्देश दिए है. 


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