NASA Parker Solar Probe Sun Fly-by: नासा का पार्कर सोलर प्रोब गुरुवार को सूर्य की सतह से सिर्फ 3.8 मिलियन मील (61 लाख किलोमीटर) दूर से गुजरा. स्पेसक्राफ्ट ने मैसेज भेजा है कि वह सेफ है.
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NASA Parker Solar Probe: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, नासा का अंतरिक्ष यान Parker Solar Probe ऐतिहासिक उड़ान के बाद एकदम ठीक है. NASA के वैज्ञानिकों को शुक्रवार तड़के स्पेसक्राफ्ट से सिग्नल मिला. एजेंसी की ओर से जारी बयान के अनुसार, उन्हें पार्कर सोलर प्रोब की बीकन टोन रिसीव हुई है जिससे कंफर्म हुआ कि स्पेसक्राफ्ट सेफ है. क्रिसमस ईव (24 दिसंबर) की शाम को 'पार्कर सोलर प्रोब' ने सूर्य के बाहरी वातावरण (कोरोना) में छलांग लगाई थी. उस समय यह सूर्य की सतह से सिर्फ 61.10 लाख किलोमीटर दूर था. सूर्य के इतने करीब अब तक कोई अंतरिक्ष यान नहीं गया था.
सूर्य की सबसे नजदीकी उड़ान के दौरान, Parker Solar Probe की स्पीड 430,000 मील प्रति घंटा (692,000 किलोमीटर प्रति घंटा) रही और यह मानव की बनाई सबसे तेज वस्तु बन गया. NASA की वेबसाइट के मुताबिक, सूर्य की सबसे करीबी उड़ान के समय अंतरिक्ष यान को लगभग 980 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहना पड़ा.
Parker Solar Probe has phoned home!
After passing just 3.8 million miles from the solar surface on Dec. 24 — the closest solar flyby in history — we have received Parker Solar Probe’s beacon tone confirming the spacecraft is safe. https://t.co/zbWT7iDVtP
— NASA Sun & Space (@NASASun) December 27, 2024
बढ़ी हुई थी NASA के वैज्ञानिकों की धड़कनें
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, पार्कर सोलर प्रोब ने 1,400 डिग्री सेल्सियस के तापमान और तीखे रेडिएशन का सामना किया. इसे 11.5 सेंटीमीटर मोटी कार्बन-कंपोजिट ढाल द्वारा सुरक्षित रखा गया था. इस फ्लाई-बाई के दौरान, नासा के वैज्ञानिक क्रिसमस पर उस समय चिंतित थे जब यान पृथ्वी से संपर्क में नहीं था.
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पार्कर सोलर प्रोब: सूर्य के रहस्य जानने की यात्रा
पार्कर सोलर प्रोब 2018 में लॉन्च हुआ था और तब से यह सूर्य के पास 21 बार जा चुका है. वैज्ञानिकों का उद्देश्य सूर्य के कोरोना की गर्मी का रहस्य सुलझाना है. सूर्य की सतह का तापमान लगभग 6,000 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन उससे दूर स्थित कोरोना का तापमान लाखों डिग्री तक पहुंचता है. यह परिघटना वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बनी हुई है.
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इसके साथ ही, पार्कर सोलर प्रोब मिशन सूर्य से निकलने वाली सौर हवा और ऊर्जा के तेज कणों के प्रकाश की गति तक पहुंचने के कारणों की पड़ताल भी कर रहा है. यह मिशन सौर हवा को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा. ये चार्ज कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं, जिससे उत्तरी और दक्षिणी रोशनी (ऑरोरा) बनती है.