जयपुर: जेल प्रहरी कल करेंगे मैस बहिष्कार, कर्मचारी महासंघ ने दिया समर्थन
Jaipur News: प्रदेश की जेलों के प्रहरी शुक्रवार से मैस बहिष्कार करेंगे. जेल प्रहरियों की मांग के समर्थन में कर्मचारी महासंघ भी उतर आया है. बुधवार को प्रदेश में अजमेर सहित कई जगह जेल प्रहरियों ने कर्मचारी संघ प्रतिनिधियों के साथ प्रदर्शन किया.
Jaipur News: प्रदेश की जेलों के प्रहरी शुक्रवार से मैस बहिष्कार करेंगे. जेल प्रहरियों की मांग के समर्थन में कर्मचारी महासंघ भी उतर आया है. बुधवार को प्रदेश में अजमेर सहित कई जगह जेल प्रहरियों ने कर्मचारी संघ प्रतिनिधियों के साथ प्रदर्शन किया. राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार को प्रहरियों के साथ किए समझौते को लागू करना चाहिए.
प्रदेश के जेल प्रहरी लम्बे से समय से वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल जेलकर्मी आरएसी और पुलिसकर्मियों के समान वेतन की मांग कर रहे हैं. जेलकर्मियों का कहना है कि पहले जेल प्रहरियों को पुलिस कांस्टेबल के समान वेतन मिलता था, लेकिन बाद में 1998 से वेतन में विसंगति हो गई. इस विसंगति को दूर करवाने के लिए जेल प्रहरियों ने वर्ष 2017 में आंदोलन किया था और विरोध स्वरूप मैस बहिष्कार भी किया था.
बाद में सरकार ने समझौता कर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था और मांग नहीं मानी तो वर्ष 2019 में जेल प्रहरियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन और मैस बहिष्कार किया था. यह बात दूसरी है कि उस वक्त अधिकारियों ने तबादले और निलम्बित करने की धमकी देकर आंदोलन को दबा दिया था. जेल प्रहरियों ने वर्ष 2017 में हुए समझौते को लागू करने की मांग करते हुए 30 दिसम्बर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. जेल प्रहरियों ने मांग नहीं मानने पर 13 जनवरी से मैस बहिष्कार की चेतावनी दे रखी थी. जेल प्रहरियों का कहना है कि मांगें नहीं मानने पर वो मैस बहिष्कार के लिए मजबूर हैं.
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जेल प्रहरियों की मांग के समर्थन में आए राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वर्दी और बेल्टधारी होने के कारण जेल प्रहरी अपनी आवाज नहीं उठा पा रहे हैं. पहले उनसे समझौता किया गया था उसे लागू किया जाना चाहिए. समान काम वाले आरएसी जवान को 3600 की ग्रेड मिलती है, तो जेल प्रहरियों को 1900 की ग्रेड क्यों दी जा रही है. सरकार इनकी मांगें तुरंत स्वीकार इनके साथ न्याय करें. ये अनुशासन में बंधे होने के कारण जेल प्रहरी अपनी बात उठाने के लिए आंदोलन भी नहीं कर सकते हैं.
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