Jaipur: जयपुर में जेडीए ने आज गोपालपुरा बाइपास पर एक पांच मंजिला अवैध बिल्डिंग को तोड़ना शुरू कर दिया. अधिगम कोचिंग इंस्टीट्यूट के पास गुर्जर की थड़ी पर बनी इस बिल्डिंग को ढहाना शुरू कर दिया है. इस बिल्डिंग का निर्माण साल 2020 से पहले से चल रहा था. इसको लेकर जेडीए ने फरवरी 2020 में नोटिस भी जारी किया था. लेकिन कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण मामला लम्बित था. 


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जेडीए की ओर से आज की गई इस दूसरी कार्रवाई के बाद गोपालपुरा बाइपास पर संचालित दूसरे कोचिंग इंस्टीट्यूट संचालकों में दहशत फैल गई है. क्योंकि इस रोड पर करीब 100 से ज्यादा बिल्डिंगें बनी है, जो सभी जेडीए की बिना अनुमति के है. इनमें से अधिकांश बिल्डिंग का नक्शा अप्रूड नहीं है और ये सभी आवासीय उपयोग के भूखण्डों पर बनी है.  


जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी ने बताया कि आज जो बिल्डिंग तोड़ी जा रही है वो सुखविहार योजना के भूखण्ड संख्या 34 ये बिल्डिंग बनी है. 296 गज के आवासीय भूखण्ड पर बनी इस बिल्डिंग में व्यवसायिक उपयोग के हिसाब से कंस्ट्रक्शन कर लिया था. सैनी ने बताया कि हमारी टेक्नीकल टीम ने जब बिल्डिंग की जांच की उसमें मिला कि बिना बिल्डिंग प्लान का नक्शा अप्रूड करवाए ये बिल्डिंग बनाई गई.


 इसमें बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए पूर्व दिशा में 15 फीट, पश्चिम दिशा में 10 फीट और उत्तर दिशा में गोपालपुरा बायपास मुख्य सड़क की ओर 20 फीट का सेटबेक्स कवर करके निर्माण किया गया. रघुवीर सैनी ने बताया कि जब इस बिल्डिंग का निर्माण चल रहा था तब हमारी टीम के सामने मामला आने पर करीब तीन साल पहले 24 फरवरी 2020 को अवैध निर्माण पर धारा 32-33 का नोटिस जारी किया गया. साथ ही बिल्डिंग मालिक का कंस्ट्रक्शन बंद करने के लिए कहा गया. 


नोटिस के बाद भी भूखण्ड स्वामी ने निर्माण जारी रखते हुए नोटिस का जवाब भिजवाया. भूखण्ड के मालिक का जवाब मिलने और टैक्नीकल टीम से जांच करवाने पर जवाब संतोषजनकर नहीं मिला. इसके बाद जेडीए ने इस बिल्डिंग को 13 जनवरी 2021 को सील कर दिया था. इस सीलिंग की कार्यवाही के विरोध में भूखण्ड मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका लगाई, जिसके बाद कोर्ट ने स्टे दे दिया. इस मामले पर चली लम्बी सुनवाई के बाद कोर्ट ने पिछले साल 17 अक्टूबर 2022 को भूखण्ड को सात दिन में सीलमुक्त करने के जेडीए के आदेश दे दिए. 


कोर्ट के आदेश मिलते ही भूखण्ड मालिक ने जेडीए को बिना इन्फोर्मेशन दिए खुद के स्तर पर जेडीए की ओर से की गई सीलिंग को हटा दिया और वापस निर्माण शुरू कर दिया. इस पर जेडीए ने वापस भूखण्ड मालिक को विधिक नोटिस जारी किया और अवैध निर्माण को रूकवाते हुए गार्ड तैनात कर दिया. जेडीए के इस नोटिस के खिलाफ भूखण्ड मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट में फिर याचिका लगाते हुए नोटिस को चैलेंज किया. लेकिन इस बार कोर्ट ने 13 जनवरी 2023 को सुनवाई के बाद भूखण्ड मालिक की अपील को खारिज कर दिया.


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