Jaipur News: जिन स्कूलों में नहीं हुआ सूर्य नमस्कार, उनके खिलाफ होगी कार्रवाई: मदन दिलावर
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार की नई पहल शुरू करने की घोषणा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने की है. आज सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. सूर्य नमस्कार में सभी समुदायों के लोगों ने खुलकर भाग लिया. सूर्य नमस्कार को लेकर मंत्री मदन दिलावर ने सख्त रवैया दिखाया है. जानकारी के अनुसार, जिन स्कूलों में सूर्य नमस्कार नहीं हुआ, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
Jaipur News: राजस्थान में आज सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. सूर्य नमस्कार में सभी समुदायों के लोगों ने खुलकर भाग लिया. मुस्लिम समुदाय के जिन बच्चों ने सूर्य नमस्कार में भाग लिया. मंत्री दिलावर ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
वहीं, सूर्य नमस्कार को लेकर मंत्री मदन दिलावर ने सख्त रवैया दिखाया है. जानकारी के अनुसार, जिन स्कूलों में सूर्य नमस्कार नहीं हुआ, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. मंत्री का पूजा पाठ और नमाज के नाम पर स्कूलों से जाने वाले शिक्षकों के लिए सख्त निर्देश है कि भेरुजी, माताजी या नमाज पढ़ने जाना हो तो पूरे दिन की छुट्टी लेकर जाएं. स्कूल क्षेत्र में या स्कूल समय में धार्मिक कार्य नहीं कर सकते.
बता दें कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार की नई पहल शुरू करने की घोषणा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने की है. विद्यालयों में विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार का अभ्यास प्रार्थना सभा के दौरान करवाया जाएगा. इसके लिए सभी तरह की गाइडलाइन की पालना की जाएगी. सूर्य नमस्कार के अभ्यास की आकृति संख्या के संबंध में स्टूडेंट की उम्र और उनकी सेहत का भी ध्यान रखा जाएगा. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 90 लाख स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं. वहीं, प्राइवेट स्कूलों में भी करीब इतने ही स्टूडेंट हैं. जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूलों में करीब 4.5 लाख और गैर सरकारी स्कूलों में करीब 3 लाख टीचर और कर्मचारी हैं. ऐसे में यह आंकड़ा करीब 1.80 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है.
पहले भी जारी किया था ये फरमान
सूर्य नमस्कार को लेकर बीजेपी ने पहले भी सरकारी स्कूलों में इसे आनिवार्य घोषित किया था. पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार ने सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में सुबह प्रार्थना के बाद बच्चों के द्वारा सूर्य नमस्कार और योग करना अनिवार्य करने के आदेश जारी किया था.उस समय समुदाय विशेष के लोग इस फैसले का विरोध करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे थे.