Jaipur News:मंत्री-सचिव ने BSR फर्म के फर्जी रजिस्ट्रेशन पर जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल से रिपोर्ट तलब की है.पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त फर्म के फर्जी रजिस्ट्रेशन की जांच अटकी पड़ी है.आखिरकार क्यों रोकी गई रिपोर्ट.


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आखिर कब आगे बढेगी जांच की फाइल?
करीब डेढ़ महीने से पीएचईडी में BSR फर्म के डबल ए क्लास फर्जी रजिस्ट्रेशन की ना तो जांच हुई और ना ही फाइल आगे बढी.जलदाय सचिव डॉ.समित शर्मा के आदेश दिए,लेकिन इसके बावजूद अधिकारी फाइलों को दबाकर बैठ गए.पूरा मामला जी मीडिया ने प्रमुखता से उठाया तो जलदाय विभाग में हड़कंप मच गया.



जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और सचिव डॉ.समित शर्मा ने जल जीवन मिशन एमडी बचनेश कुमार अग्रवाल ने रिपोर्ट मांगी है.जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि मैंने फोन पर बचनेश कुमार से बात की है,वे गुजरात से आने वाले है.आते ही जांच रिपोर्ट के आधार पर फर्म और संबंधित इंजीनियर्स पर कार्रवाई होगी.



 



क्यों बार बार जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे लुहाडिया


जलदाय विभाग में डबल ए क्लास फर्मों का रजिस्ट्रेशन चीफ इंजीनियर मुख्यालय के अधीन होते है.इस समय पर चीफ इंजीनियर मुख्यालय राकेश लुहाडिया है.BSR फर्म के फर्जी रजिस्ट्रेशन को लेकर उन्हें कोई जानकारी ही नहीं.


हालांकि शिकायत के दौरान BSR फर्म के प्रतिनिधि चीफ इंजीनियर मुख्यालय राकेश लुहाडिया से मुलाकात की थी.वैसे BSR फर्म के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल की फाइल भी लगी हुई है.लेकिन सवाल ये है ये आखिर राकेश लुहाडिया हर सवाल पर इंकार क्यों करते है.आखिर वे हमेशा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला क्यों झाडते है?



क्या कोई राजनीतिक दबाव तो नहीं?


फर्जी रजिस्ट्रेशन के साथ साथ BSR फर्म के नागौर में 14 करोड के टैंडर में भी कई खामियों को लेकर शिकायत हुई है.तत्कालीन चीफ इंजीनियर ग्रामीण आरके मीणा ने राजनीतिक दबाव के कारण नियमों को ताक पर रखकर बीएसआर फर्म को क्लीन चिट दी थी.ऐसे में क्या इस बार बिना किसी राजनीतिक दबाव के होगी जांच या जलदाय विभाग में इसी तरह से फर्जीवाड़े के खेल चलते रहेंगे.


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