Jaipur: उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2022-23 में नए आयाम स्थापित किए है. सुरक्षित और सुगम रेल संचालन के लिए आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करना और बेहतर यात्री सुविधाओं के लिये अनेक कार्य कर नए आयाम स्थापित किए है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2023-24 में भी इन्फ्रास्ट्रेक्चर को मजबूत बनाने व अधिक अधिक यात्री सुविधाएं देने के लिए कार्य रखा.


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उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वर्ष 2022-23 में 26 किलोमीटर नई लाइन, 37 किलोमीटर आमान परिवर्तन व 77 किलोमीटर दोहरीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है. वर्ष 2022-23 में लालसोट-पिपलाई (26 किलोमीटर) नई लाइन और जयसंमद-खारवाचांदा (37 किलोमीटर) रेलखण्डों का आमान परिवर्तन किया गया. उत्तर पश्चिम रेलवे के सबसे महत्वपूर्ण मार्ग रेवाडी-अलवर-जयपुर-पालनपुर का दोहरीकरण पूरा करने के बाद एक अन्य व्यस्त रेलमार्ग फुलेरा-राई का बाग रेलमार्ग के खारिया खंगार-पीपाड रोड (31 किलोमीटर) व पीपाड़ रोड-राई का बाग (46 किलोमीटर) रेलखण्डों का दोहरीकरण कार्य वर्ष 2022-23 में पूरा कर रेल संचालन शुरू किया गया. 


वर्ष 2023-24 में भी उत्तर पश्चिम रेलवे ने आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं. जिसमें लालसोट-डीडवाना (8.51 किलोमीटर) नई लाइन, आरडीएसओ टेस्ट ट्रेक का प्रथम चरण  (18.3 किलोमीटर), फुलेरा-कुचामन सिटी दोहरीकरण  (50.5 किलोमीटर) तथा नावां व गुढ़ा लूप (16.8 किलोमीटर) के कार्य को करने का लक्ष्य रखा है. इसके अतिरिक्त तरंगा हिल-अंबाजी-आबूरोड़ व नीमच-बडी सादड़ी नई रेल लाइनो के कार्य भी किए जा रहें हैं. इन रेल लाईनों के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण व अन्य कार्य प्रगति पर है.उत्तर पश्चिम रेलवे यात्रियों को दिन-प्रतिदिन नई सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है.


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