Jaipur News: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली को विभागीय अधिकारियों ने प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड को जिसमें एक गोल्ड एवं दो सिल्वर अवॉर्ड शामिल है को भेंट किया, जिन्हें जूली ने यह अवार्ड पुनः विभागीय अधिकारियों को समर्पित किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने बताया कि यह अत्यंत गर्व व प्रसन्नता की बात है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सेवाऐं सरलता से सुलभ, पारदर्शी व बाधा रहित तरीके से प्रदान करने के लिए जो नवाचार किए जा रहे हैं उन का विभिन्न चरणों में परीक्षण उपरांत छह प्रमुख नवाचारों को अवार्ड हेतु चुना गया है.


जूली ने कहा कि स्कॉच अवॉर्ड राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित अवॉर्ड है, जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को एक गोल्ड एवं दो सिल्वर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया हैं जो की विभाग एवं उसके कर्मठ अधिकारियों के लिए बहुत ही सम्मान की बात है. तीन अवार्ड और तीन आर्डर ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट मिले हैं. इसका श्रेय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की टीम को जाता है. अतः इन्हें मैं उन्हें ही समर्पित करता हूं.


उन्होंने कहा कि इन अवॉर्ड्स के तहत पालनहार योजना gold अवॉर्ड, उत्तर मेट्रिक छात्रवृत्ति एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मे Silver अवॉर्ड दिया गया हैं. इसके अतिरिक्त तीन योजनाओ यथा कोरोना सहायता योजना सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा अनुप्रति योजना को Order of Merit Certification देकर सम्मानित किया गया हैं.


विभागीय प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों की मेहनतए कर्मठताए सकारात्मक सोच एवं सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक हैं.


उन्होंने कहा कि पूरी टीम के लिए गर्व की बात है कि विभाग के नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और योजनाओं में नवाचार को पहचान प्रदान करने हेतु आयोजित राष्ट्रीय स्तर के स्काच अवार्ड डिजीटल सेरेमनी में स्कॉच अवार्ड टीम द्वारा डिजीटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया.


ये भी पढ़ें- Rajasthan Board Exam: छोटे भाई की जगह परीक्षा देने आया हमशक्ल मुन्नाभाई गिरफ्तार, RBM विद्यालय गोपालगढ़ का मामला


उन्होंने कहा कि विभाग अपने 1 करोड़ 10 लाख लाभार्थियों को सुगम, सरल, त्वरित,पारदर्शी बाधारहित गुणवत्तापूर्ण व सुविधाजनक तरीके से लोक सेवाएं(public services) एवं प्रतिवर्ष लगभग 12,000 करोड रुपए की आर्थिक सहायता बिना किसी भ्रष्टाचार के सीधा लाभार्थियों के खाते में (DBT) उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं.


इस हेतु विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तकनीकी नवाचारों के माध्यम से योजनाओं का फायदा लाभार्थियों को पहुचाने के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण व डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है. इस मौके पर शासन सचिव डॉ समित शर्मा और निदेशक हरि मोहन मीना और विभागीय अधिकारी उपिस्थत रहे.