Rajasthan News: राजस्थान में चाइल्ड केयर लीव पर विशेष योग्यजन न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. दिव्यांग बच्चों की देखरेख के लिए सरकारी नौकरी में लगे माता-पिता को लीव मिल पाएगी. अब तक मैटरनिटी लीव ही सरकार की तरफ से मिल रही थी, लेकिन विशेष योग्यजन आयुक्त उमाशंकर शर्मा ने कोर्ट में आए एक मामले में ये फैसला सुनाया है. न्यायालय ने इस संबंध में डीओपी सैकेट्री, विशेष योग्यजन निदेशक को आदेश लागू करने के निर्देश दिए है. राजस्थान में 180 दिन की चाइल्ड केयर लीव मिलती है. 


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शिक्षिका की पीड़ा कोर्ट में आई
थर्ड ग्रेड शिक्षक संतोष कुमारी को चाइल्ड केयर लीव नहीं मिल पा रही थी. वे सीकर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक है. उनकी बेटी मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग है, लेकिन उन्हें स्कूल प्रिंसिपल की तरफ से चाइल्ड केयर लीव नहीं मिल पा रही थी. जिसके बाद उन्होंने विशेष योग्यजन कोर्ट में अर्जी लगाई. कोर्ट ने शालिनी धर्मानी वर्सेस हिमाचल प्रदेश केस के आधार पर आदेश सुनाया, जिसमें कहा गया कि नियम 32 के तहत संतोष कुमारी को चाइल्ड केयर लीव मिले. संतोष कुमारी का कहना है कि बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण छुट्टी मांगी थी.



दिव्यांग बच्चों की देखरेख के लिए मिलेगी छुट्टी
कोर्ट के इस फैसले के बाद राजस्थान के लाखों सरकारी कार्मिकों को राहत मिलेगी. क्योंकि राज्य में संभवतया इस तरह का पहला आदेश है. इस निर्णय के बाद सरकारी नौकरी कर रहे माता-पिता को दिव्यांगों की देखरेख के लिए चाइल्ड केयर लीव मिल पाएगी.



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