Jaipur News: PHED इंजीनियर्स जा सकते है हड़ताल पर, पेयजल योजनाएं हो जाएगी ठप
Jaipur News: राजस्थान को पानी पिलाने वाले इंजीनियर्स की कलम रूक सकती है, क्योंकि पीएचईडी इंजीनियर्स हड़ताल पर जा सकते हैं. इसको लेकर इंजीनियर्स के गीयर संगठन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को खत लिखकर चेतावनी दी है.
Jaipur News: जलदाय विभाग के इंजीनियर्स एपीओ को नियुक्तियां देने और डीपीसी की मांग को लेकर आंदोलन पर उतरेंगे. अब जलदाय विभाग के इंजीनियर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आचार संहिता से पहले इंजीनियर्स लामबंद हो सकते है. इंजीनियर्स ने चेतावनी दी है कि वे जल्द ही कलमबंद आंदोलन कर सकते है.
कमलबंद आंदोलन पर जा सकते इंजीनियर्स
राजस्थान को पानी पिलाने वाले इंजीनियर्स की कलम रूक सकती है, क्योंकि पीएचईडी इंजीनियर्स हड़ताल पर जा सकते है. इसको लेकर इंजीनियर्स के गीयर संगठन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को खत लिखकर चेतावनी दी है. इंजीनियर्स की डिमांड है कि आचार संहिता से पहले डीपीसी की जाए, इसके अलावा एपीओ इंजीनियर्स को नियुक्ति दे. राजस्थान में संभवतया अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लग सकती है.
प्रोजेक्ट होंगे प्रभावित
यदि इंजीनियर्स कलमबंद आंदोलन पर जाएंगे तो पेयजल प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे, इसके अलावा जनता से जुडे पेयजल काम भी रूक जाएंगे. इसलिए आचार संहिता से पहले सरकार पर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है. वहीं डीओपी ने सभी विभागों 31 अगस्त तक डीपीसी के आदेश दिए थे,लेकिन अब तक पीएचईडी में डीपीसी नहीं हो पाई. दूसरे इंजीनियरिंग विभाग, जिसमें डब्लूआरडी और पीडब्लूडी में प्रमोशन हो चुके है, लेकिन जलदाय विभाग ने डीओपी को आरपीएससी को मीटिंग के लिए अब तक खत नहीं लिखा. जिस कारण विभाग की डीपीसी के लिए मीटिंग नहीं हो पाई.
इतने पदों पर होगी डीपीसी
पद संख्या
मुख्य अभियंता 4
अतिरिक्त मुख्य अभियंता 15
अधीक्षण अभियंता 55
अधीषाशी अभियंता 150
सहायक अभियंता 240
जल्द सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे
अब राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लगने की संभावना है. ऐसे में पीएचईडी इंजीनियर्स ने सरकार को जल्द आंदोलन की चेतावनी दी है. इंजीनियर्स ने आहृवान किया है कि यदि डीपीसी नहीं हुई तो जल्द सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.
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ये बात अलग है कि जलदाय विभाग में आपसी पिछले साल तीन मीटिंग के बाद ही डीपीसी हो पाई थी. हालांकि ये बात अलग है कि पीएचईडी में नए पद क्रिएट होने के बाद प्रमोशन के लिए इंजीनियर्स के बीच आपसी खींचतान तेज है. अब ऐसे में देखना होगा कि इंजीनियर्स कब से कमलबंद आंदोलन करेंगे.