Kitchen Vastu Dosh: वास्तु शास्त्र के मुताबिक, रसोईघर का वास्तु दोष घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करती है. जिससे घर में कलह-क्लेश उत्पन्न होता है.
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Kitchen Vastu Dosh: वास्तु शास्त्र में किचन यानी रसोईघर का वास्तु दोष बेहद नकारात्मक असर देने वाला माना गया है. वास्तु में किचन से जुड़े कुछ खास वास्तु टिप्स बताए गए हैं. अगर किन्हों वजहों से किचन का वास्तु बिगड़ जाए तो घर में रहने वालों पर उसका बुरा असर पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वास्तु दोष की वजह से सकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि किचन से जुड़े कौन-कौन से वास्तु दोष नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाते हैं.
भूलकर भी न हो गैस के चूल्हे के पास नल
वास्तु के अनुसार पूरब और दक्षिण के मध्य आग्नेय कोण में रसोई होना चाहिए. रसोई अगर आग्नेय कोण में बना ली है लेकिन अंदर अग्नि और जल का स्थान ठीक नहीं है, तो भी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. भूलकर भी गैस चूल्हे के बगल में बर्तन धोने की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए यानी सिंक नहीं होना चाहिए. इससे अग्नि का प्रभाव कम होने लगता है और अग्नि ही जीवन को सुचारू रूप से चलने के लिए ऊर्जा देती है.
आग्नेय कोण का महत्व और उसके दोष
आग्नेय कोण, जिसे अग्नि तत्व का स्थान माना जाता है, भवन में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है. इस दिशा में रसोई या अन्य अग्नि संबंधी कार्य जैसे बिजली का मुख्य स्विच, जनरेटर का होना ठीक होता है. इससे भवन में संतुलन बना रहता है. अग्नि का स्थान ठीक रहने से आकस्मिक दुर्घटनाओं की आशंका कम हो जाती है. हालांकि, यदि आग्नेय कोण में वास्तु दोष हो, तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. अग्नि को डिस्टर्ब होने से घर में रहने वाले लोगों के जीवन में झगड़े, मुकदमेबाजी और आर्थिक अस्थिरता की संभावना बढ़ जाती है.
इसी प्रकार, यदि इस दिशा में उपयोग किया गया जल बाहर निकल रहा हो, तो घर में धन का ठहराव नहीं होता और परिवार के किसी सदस्य को गंभीर बीमारी हो सकती है. आग्नेय कोण में पानी का टैंक या गड्ढा होने से संतान, विशेषकर पुत्र, को नुकसान हो सकता है. अगर आग्नेय कोण में दरवाजा बना हुआ है, तो घर या उद्योग में चोरी की घटनाएं बार-बार हो सकती हैं.
रसोई के अंदर का सही स्थान निर्धारण
रसोई के निर्माण में पत्थर और पानी के नल की सही स्थिति का विशेष ध्यान रखना चाहिए. वास्तु के अनुसार, सफेद चमकदार पत्थर रसोई के लिए अनुचित है. इसके बजाय, गहरे रंग के पत्थर का उपयोग करना चाहिए. यह पत्थर बहुत चिकना न हो, ताकि गृहिणी को अपनी छवि उसमें न दिखाई दे. रसोई में चूल्हा हमेशा पूर्व दिशा में होना चाहिए और पानी का नल ईशान यानी उत्तर और पूर्व के मध्य का स्थान, पश्चिम दिशा में होना चाहिए. अग्नि और जल को पास-पास रखने से बचना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)