Rajasthan News: लगता है इन दिनो पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की हेल्थ इन दिनों ठीक नहीं चल रही. PHED में प्रमोशन पर पर्दे के पीछे सब कुछ ठीक नहीं है, क्योंकि एक बार फिर से प्रमोशन पर सवाल खडे हो गए है. जलदाय विभाग ने प्रमोशन लिस्ट पर स्टे से बचने के लिए कैविएट लगाई है. सूत्रों की मानें, तो वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट नहीं मिलने के आधार पर कई इंजीनियर्स के प्रमोशन नहीं हो पाए. 


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बताया जा रहा है कि अधिशाषी अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोट होने वाले इंजीनियर्स का प्रमोशन नहीं हो पाया. ऐसे में कई नाराज इंजीनियर्स कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे है. लेकिन इंजीनियर्स कोर्ट में जाते इससे पहले ही विभाग ने कोर्ट में कैविएट लगा दी. जलदाय प्रमुख सचिव भास्कर ए सावंत ने RPSC के साथ डीपीसी की मीटिंग की थी, जिसके बाद इंजीनियर्स की प्रमोशन लिस्ट विभाग ने जारी की है.



पिछली लिस्ट में दागियों को किया प्रमोट
जलदाय विभाग ने पिछले साल की डीपीसी में कई दागी इंजीनियर्स को प्रमोशन का लाभ दिया था. जिनके ठिकानों पर ईडी,एसीबी ने छापे मारे उन इंजीनियर्स को प्रमोशन का तोहफा दिया. इतना ही नहीं कई दागी इंजीनियर्स को नियमों के खिलाफ जाकर फील्ड प्राइम पोस्टिंग दी गई. जिसके बाद में विवाद हुआ था. जलदाय विभाग की प्रमोशन लिस्ट पर सवाल खड़े हुए थे.



500 इंजीनियर्स के हुए प्रमोशन
जलदाय विभाग की इस बार की प्रमोशन लिस्ट में जुगल किशोर करवा को चीफ इंजीनियर बनाया गया है. वहीं 10 एडिशनल चीफ, 16 अधीक्षण अभियंता, 47 एक्सईएन के पद पर प्रमोशन लिस्ट जारी की है. लेकिन सवाल ये है कि लिस्ट जारी करने के बाद कैविएट क्यों लगाई?



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