Jaipur latest News: राजस्थान के जयपुर में उत्तर भारत की प्रमुख गलता तीर्थ की गद्दी पर राज्य सरकार का प्रशासक (कलेक्टर) नियुक्त होने के बाद व्यवस्था गड़बड़ा गई है. पुजारियों के वेतन की फाइल दो माह से अफसरों की टेबल पर घूम रही है. दो महीने से वेतन नहीं मिलने से गलता पीठ के अधीन आने वाली संपत्तियों में नियुक्त पुजारियों और भगवान का भोग-राग तैयार करने वाले रसोईये आज धरने पर बैठ गए. 


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मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठकर रामधुनी करने लगे. पुजारियों का कहना है कि भगवान की प्रतिदिन पूजा-अर्चना परंपरा के साथ हो रही है. प्रभू को परंपरा के अनुसार भोग लग रहा है, लेकिन वेतन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो रहा है. हम पुजारी तो यहां भोजन कर लेते हैं, लेकिन घर पर पूरा परिवार भी है. ना घर का किराया दे पा रहे हैं ना बच्चों की स्कूल की फीस जमा हो रही है. 


 



प्रशासन ने आश्वत किया था जल्द वेतन मिल जाएगा, लेकिन अभी तक सैलरी नहीं आई है. आज जब सुनवाई नहीं हो रही थी, तो मजबूरन धरने पर बैठना पड़ रहा है. उधर देवस्थान विभाग के उत्तम ने कहा कि दशहरे से पहले वेतन के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वस्त किया था लेकिन उससे पहले ही पुजारी धरने पर बैठ गए हैं. उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवा दिया गया है. 


 



गौरतलब है कि प्रशासक (जिला कलेक्टर) ने व्यवस्थाओं को लेकर गठित कमेटी में बदलाव किया है. अब एडीएम तृतीय की जगह एडीएम द्वितीय कमेटी शामिल किया है. मंदिर के संचालन और प्रबंधन के लिए कमेटी गठित है. इसमें कमेटी में एसडीएम जयपुर प्रथम, कोषाधिकारी जयपुर सदस्य, सहायक आयुक्त द्वितीय देवस्थान विभाग सदस्य सचिव और नगर निगम आदर्श नगर उपायुक्त सदस्य हैं.