Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक भर्ती-2023 परीक्षा में प्रदेश से बाहरी अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थी का आवेदन स्वीकार कर भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश ऋषभ की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.


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याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता हरियाणा का मूल निवासी है और उनसे निम्स कॉलेज से ऑप्थैल्मिक टेक्नोलॉजी में दो वर्षीय डिप्लोमा कार्स कर रखा है. वहीं उसे राजस्थान पैरा मेडिकल कौंसिल से प्रोविजनल डिग्री भी मिल गई है. याचिकाकर्ता ने जब आरपीएमसी में ऑनलाइन आवेदन किया तो उसका आवेदन राजस्थान का मूल निवासी नहीं होने के आधार पर खारिज कर दिया. 


याचिका में कहा गया कि वह आरपीएमसी में पंजीकरण के अभाव में नेत्र सहायक भर्ती में आवेदन नहीं कर सकता है. स्वास्थ्य विभाग के गत 16 फरवरी की अधिसूचना के तहत आरपीएमसी रेगुलेशन 42 में संशोधन कर पंजीकरण के लिए राजस्थान के मूल निवासी होने की शर्त रखी गई है. इस रेगुलेशन को चुनौती देते हुए कहा गया कि राजस्थान पैरा मेडिकल अधिनियम की धारा 17 के तहत किसी भी मान्यता प्राप्त महाविद्यालय से पैरामेडिकल कोर्स करने पर उसे आरपीएमसी में पंजीकृत किया जा सकता है. 


ऐसे में भारत का कोई भी निवासी इस प्रकार के कोर्स कर सकता है और इसके लिए राजस्थान के मूल निवासी होने की बाध्यता नहीं है. ऐसे में याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है.


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