jaipur: जल जीवन मिशन में राजस्थान फिसड्डी साबित हो रहा है.जिस पर अब जलदाय विभाग का एक्शन शुरू हो गया है.प्रदेश के 8 पिछड़े जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए है.इसके अलावा और जिलों में इंजीनियर्स को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है.


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तकनीकी स्वीकृति,प्रगति,निविदाओं में फिसड्डी-


हर घर नल योजना में राजस्थान देश में 30 वे पायदान पर है.धीमी रफ्तार पर  8 जिलों में जिम्मेदार अधीक्षण अभियंताओं को नोटिस थमाया गया है.एसई ने तकनीकी स्वीकृति,प्रगति,निविदाओं में देरी हुई है.जिसके बाद अब अधीक्षण अभियंताओं से जवाब मांगा है.इसके अलावा दूसरे जिलों के इंजीनियर्स को भी नोटिस थमाए जाएंगे.


तकनीकी स्वीकृति जारी करने में ये जिले फिसड्डी


जिला           तकनीकी स्वीकृति शेष


बांसवाडा             55 प्रतिशत
जैसेलमेर             51 प्रतिशत


टोंक               42 प्रतिशत
प्रतापगढ            27 प्रतिशत


जेजेएम में इन जिलों की प्रगति कमजोर


वहीं भरतपुर एसई अशोक कुमार अग्रवाल ने जल जीवन मिशन में 19 प्रतिशत ही प्रगति है.जबकि अधीक्षण अभियंता करौली परशुराम वर्मा भी पीछे है.जेजेएम में प्रगति 13 प्रतिशत हुई है.धौलपुर के एसई हरिकृष्ण अग्रवाल की 19 प्रतिशत,सिरोही के एसई रविंद्र गर्ग की 16 प्रतिशत प्रगति हुई है.इन सभी अधीक्षण अभियंताओं को नोटिस थमाए गए है.


निविदाओं में भी लापरवाही


डूंगरपुर के जिम्मेदार एसई प्रदीप कोठारी की लापरवाही देखी गई है.अब तक डूंगरपुर में 16 प्रतिशत निविदाए शेष है.वहीं सिरोही में 12 प्रतिशत,उदयपुर में 18 प्रतिशत निविदाएं आमंत्रित नहीं की गई.जिस कारण कारण बताओं नोटिस दिए गए है. इसके अलावा दूसरे जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को नोटिस थमाने की भी तैयारी चल रही है.यानि लापरवाह इंजीनियर्स पर जलदाय विभाग कार्रवाई तेज कर जेजेएम की रैकिंग सुधारने में लगा है.


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