Jaipur News: संसद में राहुल गांधी के हिंदू धर्म पर बयान के विरोध का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जयपुर शहर के संत समाज ने भी सड़क पर उतरकर कर राहुल गांधी के बयान का विरोध किया. संतों ने चेतावनी दी कि हिंदू धर्म का अपमान संत समाज नहीं सहेगा. राहुल गांधी देश से माफी मांगे. वहीं दूसरी ओर अन्य कई जगह भी आक्रोश व्यक्त कर लोगों ने राहुल गांधी का पुतला फूंका.


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संसद में राहुल गांधी के हिंदूओं को हिंसक बताने के विरोध में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है. जगह-जगह लोग राहुल गांधी के बयान पर आक्रोश व्यक्त कर धरना प्रदर्शन और रैली निकाल रहे हैं. शहर की बड़ी चौपड़ पर संत समाज इकट्ठा हुआ और राहुल के बयान के विरोध में आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान संतों के साथ बजरंग दल और सर्व समाज के अन्य लोग भी मौजूद रहे. उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया. शहर के प्रमुख संतों में सियाराम दास महाराज, स्वामी बालमुुंदाचार्य महाराज सहित कई संत महंत बड़ी चौपड़ पर शामिल थे. इनके अलावा शहर में शास्त्री नगर, झोटवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर भी हिंदू संगठनों ने राहुल गांधी के बयानों के विरोध में आक्रोश व्यक्त किया.


आक्रोशित संतों ने क्या कहा


सियाराम दास महाराज ने कहा कि हिंदूओं को हिंसक बताना सारे हिंदुस्तान का अपमान है. ये अपने आपको हिंदू कहलाते हैं और पूरे समाज को हिंसक बताते हैं. यह अपमान नहीं सहा जाएगा.



सुदर्शन शरण महाराज ने कहा यह पहली बार नहीं राहुल गांधी ने बयानबाजी की है. कांग्रेस के कई नेताओं में हिंदुओं के प्रति घृणा का भाव दर्शाया है. यदि इन्हें हिंदू पसंद नहीं है तो देश छोड़कर चले जाएं. हिंदूओं को हिंसक कहना अपराध है, राहुल गांधी अल्पज्ञ हैं देश छोड़कर भाग जाना चहािए.


रामरज दास महाराज ने कहा राहुल गांधी कतई हिंदू नहीं हो सकता है वो वर्ण शंकर है. सर्वे भवंतु सुखिन की भावना रखने वाला हिंदू कतई हिंसक नहीं हो सकता. राहुल हिंदू होते तो आक्षेप नहीं लगाते. राहुल को हिंदुस्तान के रहने का अधिकार नहीं है.


विधायक बाल मुकुंदाचार्य ने कहा कि जयपुर नगर के सामाजिक हिंदूवादी संगठन और आध्यात्मिक धर्मगुरु आक्रोशित है. हिंदुओं को हिंसा से जोड़कर राहुल गांधी ने अपमान किया है . संत उपस्थित हुए हैं . राहुल गांधी माफी नहीं मांगते तब तक रोष जायज है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की है तो भी गलत है, वो उनके भी प्रधानमंत्री है, किस तरह पीएम के खिलाफ बोल सकते हैं किस प्रकार अपने ही प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना उचित नहीं है.