Jaipur news: दीपावली के बाद अब प्रदेशभर में सावों की धूम से बाजार गुलजार हुए. देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर से सावे शुरू होने से अप्रेल तक शादियों के सावों के शहनाइयां गुजेंगी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर से शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी.


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अबूझ मुहूर्त होने के कारण करीब पांच माह बाद फिर से शहनाइयां गूंजेंगी और सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात की रौनक दिखाई देगी. शादी-विवाह के लिए शहर के मैरिज गार्डन, सामुदायिक भवन, कई होटल तथा रिसोर्ट बुक हो चुके हैं. शादियों के कारण ज्वैलरी, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, कपड़े और वाहनों की खरीदारी जमकर हो रही है. इस बार नवंबर-दिसंबर में खूब शादियां होंगी. इसके लिए विवाह स्थल, रिसोर्ट, कयुनिटी हॉल तथा होटल बुक हो चुकी हैं. जयपुर में नवंबर व दिसंबर में 30 हजार और राजस्थान में 3 लाख से अधिक शादियां होने का अनुमान हैं.


ऑटोमोबाइल व्यापारियों के अनुसार सावों को लेकर वाहनों की अच्छी खरीदारी हो रही है. शादियों को देखते हुए आगामी 2 दिन में जिले में दोपहिया और चौपहिया वाहनों की बिक्री अच्छी होने का अनुमान है. विभिन्न कंपनियों की ओर से वाहन की खरीद पर ग्राहकों को कई आकर्षक ऑफर भी दिए जा रहे हैं. हालांकि वाहनों का पुराना स्टॉक धनतेरस और दीपावली पर खत्म हो चुका है. इसके बाद एडवांस बुकिंग कराने वालों को ही वाहन डिलीवर किए जा रहे हैं. वहीं शादी की खरीददारी के लिए बर्तन, कपड़े और आभूषणों की दुकानों पर भीड़ है. इससे सभी प्रमुख बाजार खरीदारों से गुलजार नजर आ रहे हैं. वहीं व्यापारियों के अनुसार फिर से बाजार में खरीददारी की दीपावली आ गई है.


व्यापारियों के अनुसार शादियों के सावों को लेकर बाजार में अच्छी खरीदारी हो रही है. टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, प्रेस, पंखा व सिलाई मशीन आदि इलेक्ट्रॉनिक आइटमों के साथ चूल्हा व बर्तन सहित अन्य शादी के सामान का पूरा पैकेज दिया जा रहा है. उसे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की ओर से काफी पंसद किया जा रहा है. सावों के कारण दीपावली के बाद भी वस्त्रों की खरीदारी का बूम बना है. वस्त्रों में दुल्हें शेरवानी के लिए दुकानों पर अपनी फिटिंग के लिए बुकिंग करा रहे है तो वहीं दुल्हनें भी दुकानों पर लहंगे के लिए अपनी फिटिंग का लहंगा व कलर पसंद कर बुकिंग करा रहे है. दुल्हा-दुल्हनों की वस्त्रों में भी एडवांस बुकिंग से सभी दुकानदार व्यस्त नजर आ रहे है. बाजार में दुल्हन के श्रृंगार सामग्री से लेकर कपड़ों की खरीदारी करते परिवार दिखाई दे रहे हैं. दिवाली के त्योहार के बाद अब शादियों के सीजन से व्यापारियों को इस बार सीजन में अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है.


सराफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश चंद मित्तल ने बताया कि सावों को लेकर आभूषणों की अच्छी खरीदारी हो रही है. इससे दीपावली के बाद भी त्योहार जैसा माहौल बना है. दिवाली के बाद लोग सावों के लिए जेवर खरीदने के लिए जयपुर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आ रहे हैं. ऐसे भी अब सोना व चांदी के दामों लगातार गिरावट हो रही है. इसके चलते भी सोने-चांदी की खरीद हो रही है. कैलाश मित्तल ने बताया कि शादियों के लिए ज्वैलरी की खरीदारी शुरू हो रही है. एक शादी के लिए लोग 5 लाख से लेकर 20 लाख रुपए तक की ज्वलैरी खरीद रहे हैं. कुछ ज्वैलरी ऑर्डर से भी बुक हो रही है.


तुलसी को विष्णु प्रिया भी कहा जाता है. देवउठनी एकादशी पर देवता जब जागते हैं तो सबसे पहली प्रार्थना तुलसी की ही सुनते हैं. तुलसी विवाह का अर्थ है तुलसी के माध्यम से भगवान का आह्वान करना. शास्त्रों में भी उल्लेख है कि जिन दंपती के कन्या नहीं होती, वे एक बार तुलसी का विवाह कर कन्यादान करें. सामूहिक विवाह की तैयारी 12 नवंबर को होने वाले तुलसी विवाह व विवाह सम्मेलन को लेकर तैयारी की जा रही है. इस दिन मंदिरों में भगवान शालिग्राम और तुलसी विवाह होगा. शंख और घंटे-घड़ियाल की ध्वनि के बीच भगवान विष्णु को जगाया जाएगा.


शहर में 12 नवंबर देवउठनी एकादशी से एक बार फिर बैंड-बाजा और बारातों की धूम रहने के साथ ही शादियों की शहनाई गूंजेगी. ऐसे में टेंट-बैंड से लेकर मैरिज गार्डन और होटलों की बुकिंग पूरी हो चुकी है. वहीं सर्राफा, बर्तन और कपड़ा बाजार सहित अन्य बाजारों में जमकर खरीदारी भी देखने को मिल रही है. शहरवासियों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बाजारों में शादियों की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं. इस साल 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 नवंबर को 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 दिसंबर को शादियों के शुभ मुहूर्त हैं. 


इसके बाद एक महीने तक शादियों के सीजन में विराम होगा. इसके बाद 2025 में मध्य जनवरी से विवाह समारोह फिर से शुरू होंगे. अबूझ मुहूर्त देवप्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी एकादशी) पर 12 नवंबर को है. साथ ही शादी-ब्याह व अन्य मांगलिक कार्य भी शुरू हो रहे हैं. इसके बाद दिसबर तक करीब 10 दिन पंचांगीय विवाह मुहूर्त हैं. कुछ पंचांग में 16 दिन पंचांगीय विवाह मुहूर्त दे रखे हैं. 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनु मलमास लग जाएगा. इसके बाद अगले साल 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे.


राजधनी में कुल होटल 1317—


5 सितारा होटल करीब 15 ,


5 सितारा होटल में 1500 से 1800 कमरे,
4 से 3 सितारा करीब 70 होटलें,करीब 4000 हज़ार कमरें,


बजट होटल्स करीब 900 के आस पास,
पेइंग गेस्ट हाउस करीब 250,


कुल राजधानी की होटल्स में 30 हज़ार 312 रूम्स,60 हज़ार बेड्स कैपेसिटी.


फेडरेशन आफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि नवंबर से दिसंबर तक कई विवाह मुहूर्त हैं, इसे लेकर राजधानी जयपुर में करीब 6 हजार करोड़ और प्रदेशभर में करीब 10 हजार करोड़ के कारोबार की उमीद है. इसमें खाद्य पदार्थों के साथ ज्वैलरी, कपड़ा, बर्तन आदि की खरीदारी हो रही है. हलवाई-कैटरिंग, मैरिज गार्डन, होटल और वाहनों आदि की बुकिंग हो रही है. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि शादी-ब्याह को लेकर बाजार में ज्वैलरी, कपड़ा, बर्तनों की खरीदारी शुरू हो गई है. देव उठनी एकादशी के अबूझ मुहूर्त को लेकर खाद्य पदार्थों की भी खरीदारी हो रही है. वहीं वाहनों की बुकिंग हो चुकी है. इन सबको देखकर बाजार में रौनक नजर आ रही है.