Rajasthan News: मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, द्वितीय ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में एसओजी से 12 मार्च तक स्पष्टीकरण मांगा है कि आरोपियों को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश क्यों नहीं किया गया. इसके साथ ही अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि प्रकरण में सीआरपीसी की धारा 41 ए के प्रावधानों की पालना क्यों नहीं की गई. वहीं, अदालत ने प्रकरण के आरोपियों को 12 मार्च तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आरोपियों के अधिवक्ताओं ने किया विरोध 
एसआई पेपर लीक मामले में एसओजी ने सुरक्षा के बीच 14 आरोपी नरेश कुमार, सुरेंद्र कुमार, करणपाल गोदारा, विवेक भांभू, मनोहरलाल, गोपीराम, श्रवण कुमार, रोहिताश्व कुमार, प्रेम सुखी, एकता, भगवती, राजेश्वर, नारंगी और चंचल कुमारी को अदालत में पेश कर उनका पुलिस रिमांड मांगा. इसका विरोध करते हुए आरोपियों के अधिवक्ता विपुल शर्मा और वेदांत शर्मा सहित अन्य ने कहा कि एसओजी प्रकरण में मनमानी कर रही है. आरोपियों को तीन और चार मार्च को पकड़ा, लेकिन 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया. इसके अलावा प्रकरण सात साल से कम सजा से जुडे हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में तय कर रखा है कि ऐसे मामलों में सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत पुलिस गिरफ्तारी से पूर्व नोटिस देगी या उसे तत्काल गिरफ्तारी का कारण बताना होगा. इस मामले में एसओजी ने इसकी अवहेलना की है. इस पर अदालत ने आरोपियों को 12 मार्च तक पुलिस अभिरक्षा में भेजते हुए एसओजी से दोनों बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. 


आरोपी के परिजनों ने किया तीन माह की बच्ची को पेश
सुनवाई के दौरान एक महिला आरोपी के परिजन तीन माह की बच्ची के साथ अदालत में हाजिर हुए. उन्होंने बताया कि आरोपी महिला की तीन माह की बच्ची है. ऐसे में उसे रिमांड पर नहीं भेजा जाए. पुलिस की ओर से आरोपियों को अदालत में पेश करने के दौरान कुछ वकील आक्रोशित हो गए. इस दौरान वकीलों ने कुछ आरोपियों से मारपीट की. जब पुलिस ने बीच-बचाव किया, तो वकील पुलिस से भी भिड़ गए. वकीलों ने नारेबाजी करते हुए आरोपियों पर बेरोजगारों का हक मारने की बात कही. 


ये भी पढ़ें- Alwar News: रक्षक बना भक्षक, पत्नी सहित 3 मासूम बच्चों की अपने ही हाथों से की हत्या