Jaipur News:राजस्थान के जयपुर के कावंटिया अस्पताल में गर्भवती महिला का खुले में प्रसव होने के प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए तीन रेजीडेंट चिकित्सकों डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत एवं डॉ. मनोज को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है. साथ ही राज्य सरकार ने प्रकरण में पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए जिम्मेदार अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है.


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अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रकरण सामने आने पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की गई. जयपुर के कांवटिया अस्पताल में एक महिला का अस्पताल के गेट पर प्रसव होने का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है. मानवीयता से जुड़े चिकित्सकीय पेशे में ऐसे असंवेदनशील व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती.



दरअसल राजधानी के शास्त्री नगर स्थित कांवटिया अस्पताल में एक ऐसी घटना सबको हैरान और मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना सामने आई,जिसमें शास्त्री नगर स्थित कांवटिया अस्पताल में एक गर्भवती महिला का प्रसाव हुआ लेकिन यह प्रसाव खुले में यानी अस्पताल के गेट के सामने हुआ.




इस घटना के बाद अस्पताल प्रसासन के खिलाफ आवाजे उठनी शुरू हो गई.दरअसल,बैनाड़ निवासी अशोक वर्मा पत्नी नीलम गर्भवती थी,लेकिन शाम के समय जब उसको पिड़ा हुई,तब परिजन उसे कांवटिया अस्पताल लेकर पहुंचे,लेकिन  डेढ़ घंटे बाद डॉक्टरो ने उसे रैफर कर दिया.


गर्भवती महिला दर्द से कहरा रही थी,लेकिन डॉक्टरो ने अपना पल्ला झाड़ लिया,पति एंबुलेंस से जनाना अस्पताल पहुंचाने के गुहार लगाया,लेकिन उसकी भी किसीने नहीं सुनी.



जिसके बाद परिवार अस्पताल के गेट के पास बैठ गया,जिसके बाद महिला दर्द से कहराते हुए कुछ घंटो बाद खुले में ही बच्चे को जन्म दिया.गनिमत रही मां और बच्च दोनों स्वस्थ रहे .


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