Lok Sabha Chunav 2024:करौली -धौलपुर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति ( SC) के लिये आरक्षित है.2008 के परिसीमन के बाद बयाना लोकसभा सीट को खत्म करके करौली-धौलपुर लोकसभा सीट बनाई गई थी.
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Lok Sabha Chunav 2024:करौली -धौलपुर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति ( SC) के लिये आरक्षित है.2008 के परिसीमन के बाद बयाना लोकसभा सीट को खत्म करके करौली-धौलपुर लोकसभा सीट बनाई गई थी.
करौली धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में धौलपुर जिले की चार विधानसभा बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा और करौली जिले के भी 4 विधानसभा टोडाभीम, हिंडौन, करौली और सपोटरा विधानसभा के मतदाता अपना वोट देकर सांसद को चुनते हैं.
2009 के लोकसभा चुनाव में करौली धौलपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने मनोज राजोरिया को अपना प्रत्याशी बनाया था. वहीं कांग्रेस ने खिलाड़ी लाल बेरवा को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था.2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बेरवा ने भाजपा के मनोज राजोरिया को 29823 मतों से हराया कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बेरवा को 2 लाख 15 हज़ार 8 सौ दस वोट मिले वहीं भाजपा के मनोज राजोरिया को 1 लाख 86 हज़ार 87 वोट मिले.
करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र
करौली -धौलपर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति ( SC) के लिये आरक्षित है.2008 के परिसीमन के बाद बयाना लोकसभा सीट को खत्म करके करौली-धौलपुर लोकसभा सीट बनाई गई थी.
करौली धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में धौलपुर जिले की चार विधानसभा बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, राजाखेड़ा और करौली जिले के भी 4 विधानसभा टोडाभीम, हिंडौन, करौली और सपोटरा विधानसभा के मतदाता अपना वोट देकर सांसद को चुनते हैं.
2009 के लोकसभा चुनाव में करौली धौलपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने मनोज राजोरिया को अपना प्रत्याशी बनाया था. वहीं कांग्रेस ने खिलाड़ी लाल बेरवा को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था.
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बेरवा ने भाजपा के मनोज राजोरिया को 29823 मतों से हराया कांग्रेस के खिलाड़ी लाल बेरवा को 2 लाख 15 हज़ार 8 सौ दस वोट मिले वहीं भाजपा के मनोज राजोरिया को 1 लाख 86 हज़ार 87 वोट मिले.
2009 लोकसभा चुनाव
1.खिलाड़ी लाल बैरवा (कांग्रेस) 2लाख 15 हज़ार810 मत प्राप्त हुये
2. मनोज राजोरिया (भाजपा ) के 1 लाख 86 हज़ार 87 वोट प्राप्त हुये.
2014 लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के मनोज राजौरिया ने काँग्रेस के लक्खीराम को 27 हजार 216
मतों से हराकर जीत हासिल की.
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के मनोज राजोरिया को 4 लाख 2 हज़ार चार सौ सात (402407 ) वोट प्राप्त हुए वहीं कांग्रेस के लक्खीराम को 3 लाख 75 हज़ार 191( 375191) मत प्राप्त हुए.
2019 लोकसभा चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर मनोज राजोरिया को अपना प्रत्याशी बनाया वहीं कांग्रेस ने संजय जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया.
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मनोज राजोरिया को 5 लाख 26,643 मत प्राप्त हुए वहीं कांग्रेस के संजय जाटव को 4 लाख 28,761 मत प्राप्त हुए इस प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मनोज राजोरिया ने कांग्रेस के संजय जाटव को 97,882 मतों से हराया.
2024 के लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा ने करौली पंचायत समिति की पूर्व प्रधान इंदु देवी जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव को अपना प्रत्याशी बनाया है.
इसके साथ ही बसपा ने विक्रम सिंह जाटव को प्रत्याशी बनाया गया है. वही चुनावी मैदान मे निर्दलीय प्रत्याशी रामखिलाड़ी धोबी भी मैदान मे उतरे है .सीट पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी की आमने सामने की टक्कर होगी .
भाजपा
18 वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव में करौली धौलपुर से भाजपा ने दो बार के सांसद डॉक्टर मनोज राजोरिया का टिकट काटकर करौली पंचायत समिति की पूर्व प्रधान इंदु देवी जाटव पर भरोसा जताया है. करौली पंचायत समिति की पूर्व प्रधान इंदु देवी जाटव को प्रत्याशी घोषित किया है.
इंदु देवी जाटव का जन्म 12 मार्च 1986 में हुआ है.इंदू देवी जाटव स्नातक तक पढ़ी है और एसटीसी में प्रशिक्षित है. इंदू देवी जाटव के पति करौली विद्युत विभाग में ही टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है. इंदू देवी जाटव के दो पुत्र हैं.
इंदु देवी जाटव वर्ष 2015-20 में भाजपा के टिकिट पर करौली पंचायत समिति प्रधान रही है. इसके साथ ही भाजपा की प्रदेश कार्य समिति सदस्य भी रह चुकी है. इंदु देवी जाटव अपने खुश मिजाजी और सौम्य स्वभाव के लिए पहचानी जाती हैं.
कांग्रेस
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने राजस्थान सरकार में सार्वजनिक निर्माण विभाग के पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव को करौली धौलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है.पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल जाटव का जन्म 12 अक्टूबर 1968 को भरतपुर जिले की बैर विधानसभा क्षेत्र के झाला टाला गांव में हुआ. गांव से ही उन्होंने सीनियर सेकेंडरी स्कूल की शिक्षा प्राप्त की और ठेकेदारी का कार्य करने लगे. सन 2000 में भजन लाल जाटव के भाई ने जिला परिषद का चुनाव लड़ा.
भजन लाल जाटव दिल्ली में एक बिल्डर्स का कार्य करते थे. 2014 में हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने भजन लाल जाटव को बैर से विधायक प्रत्याशी बनाया और चुनाव जीते. उसके बाद उनकी किस्मत चमकती चली गई. पहले सरकार में राज्य मंत्री रहे और उसके बाद एक अहम विभाग की जिम्मेदारी दी गई.
उन्होंने राजस्थान सरकार में सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. वह राजस्थान सरकार में गृह रक्षा और नागरिक सुरक्षा विभाग (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में राज्य मंत्री रहे है. वो बैर विधानसभा क्षेत्र से 14 वीं और 15 वीं राजस्थान विधान सभा के सदस्य रहे. साथ ही वो आरएसआरडीसी कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष रहे है.
विधान सभा चुनाव 2023 में बैर विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के बहादुर सिंह कोली ने 4 हजार से अधिक मतों से हराया भजन लाल को हराया है. अब एक बार फिर कांग्रेस ने भजनलाल पर करौली-धौलपुर लोकसभा सीट के लिए दांव खेला है.उनकी पत्नी का नाम सरूपी देवी है.उनके 2 बेटे और 3 बेटियां तथा उनके पिता गुलकंदी लाल जाटव और माता मुक्ति देवी है. उनका पेशा राजनीति और कृषि है.
भौगोलिक जानकारी
लाल पत्थर के रूप में पहचाने जाने वाला करौली -धौलपुर संसदीय क्षेत्र अब पयर्टन के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है.धौलपुर की ऐतिहासिक इमारतें शेरगढ़ का किला, तालाब ए शाही,तीर्थों का भांजा मचकुंड हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं.राजस्थान का करौली एक ऐतिहासिक नगर है. यहां सिटी पैलेस, कैला देवी अभ्यारण्य, तिमनगढ़ का किला, कैला देवी का मंदिर, मदन मोहन जी का मंदिर और श्रीमहावीर जी राजस्थान के प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में से एक है.
करौली -धौलपुर संसदीय क्षेत्र में डांग का इलाका होने की वजह से पिछड़ापन है.यहां विकास की दरकार है.क्षेत्र के लोग रोज़गार के अभाव में अपराध की ओर अग्रसर हो जाते हैं. लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पत्थर उद्योग है.करोली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र में क़रीब 19 लाख 72 हजार मतदाता हैं.इस लोकसभा क्षेत्र को प्रमुख रूप से बेरवा -जाटव बाहुल्य सीट माना जाता है.
करौली धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 21% आबादी अनुसूचित जाति ( SC )की है. जबकि करीब 17% आबादी अनुसूचित जनजाति ( ST) की है जो किसी भी राजनैतिक दल के प्रत्याशी को विजयी बनाने में अपनी निर्णायक भूमिका निभाती रही है.
इसीलिए आगामी लोकसभा चुनावों में राम मंदिर का मुद्दा अपनी प्रमुख भूमिका निभाएगा.लेकिन 2024 के चुनावों में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा एवं कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.