Jaipur: मानसरोवर के मध्यम मार्ग में अवैध निर्माणों को हटाने के लिए नगर निगम ग्रेटर की ओर से दिए नोटिसों को आज 150 से ज्यादा व्यापारियों ने मानसरोवर जोन ऑफिस पहुंचकर जवाब दिया. 30 मार्च तक नोटिस की मियाद खत्म होने के बाद और व्यापारियों की ओर से मिले जवाबों का परीक्षण के बाद नगर निगम ग्रेटर प्रशासन अपनी आगे की कार्रवाई करेगा.


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उधर व्यापारियों का कहना हैं की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई हैं.जो तथ्य निगम पेश नहीं कर पाया है, उनसे कोर्ट को अवगत कराएंगे. निगम को भी नोटिस का जवाब भी दिया जा रहा हैं.कानूनी सलाह लेकर आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि कोर्ट से न्याय मिलेगा.मामले में निगम के अफसरों का तर्क हैं की न्यायालय के आदेशों के अनुसरण में कार्रवाई की जा रही हैं.कोर्ट के आदेशों पर नोटिस दिए गए हैं.किसी को लीगली अपना पक्ष रखना है? तो नगर निगम के दरवाजे खुले हैं.


लेकिन हमे भी कोर्ट के आदेशों की पालना करवानी हैं रिपोर्ट पेश करनी हैं.इसलिए हमने कोर्ट के आदेश पर नोटिस दिए हैं और आगे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.उधर व्यापारियों का तर्क हैं की मध्यम मार्ग में कई भूखंड तो 36 मीटर, 51 मीटर के हैं.इनमें सेटबैक छोडऩे का प्रावधान नहीं है. 90 मीटर तक सेटबैक में छूट का प्रावधान है. निगम ने 36 और 51 वर्ग मीटर के भूखंडों में सेटबैक के उल्लंघन के नोटिस जारी कर दिए. व्यापारियों के पास समझौता समिति में जाने का रास्ता खुला है.


समिति में सेटबैक उल्लंघन तय होता है.मध्यम मार्ग का लैंड यूज मिश्रित है.वर्ष 2014 में निगम ने विज्ञप्ति भी जारी की की थी.आज तक निर्णय कर स्वीकृति जारी नहीं की गई हैं.मध्यम मार्ग पर नौ बाजार हैं.व्यापारियों के साथ न्याय की उम्मीद है. व्यापारियों ने कहा कि मध्यम मार्ग पर ही कुछ भूखंडों के निगम ने व्यावसायिक पट्टे दे दिए हैं.व्यापारियों का कहना है? कि वर्षों से नगरीय विकास कर व्यावसायिक देते आ रहे हैं.दरअसल हाईकोर्ट ने ये आदेश मानसरोवर निवासी मनमोहन नागपाल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए है.नागपाल का मानसरोवर के सेक्टर 30 में फ्लैट है? जो फर्स्ट फ्लोर है? और ग्राउंड फ्लोर पर बने फ्लैट व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थी.


इसके अलावा फ्लैट मालिक ने सैट बैक एरिया में भी दुकानें बना रखी हैं.नगर निगम ग्रेटर ने 2 मार्च को इन दुकानों को सील कर दिया था.इस पर दुकान मालिक अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में पेश होकर कोर्ट को बताया कि करीब 5 किलोमीटर लंबे पूरे मध्यम मार्ग पर ही आवासीय मकानों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं तो अकेले उसकी ही दुकानों को क्यों सील किया गया है? इस पर कोर्ट ने नगर निगम ग्रेटर को मध्यम मार्ग का सर्वे करके रिपोर्ट पेश करने को कहा था.


Jaipur: मानसरोवर के मध्यम मार्ग में अवैध निर्माणों को हटाने के लिए नगर निगम ग्रेटर की ओर से दिए नोटिसों को आज 150 से ज्यादा व्यापारियों ने मानसरोवर जोन ऑफिस पहुंचकर जवाब दिया. 30 मार्च तक नोटिस की मियाद खत्म होने के बाद और व्यापारियों की ओर से मिले जवाबों का परीक्षण के बाद नगर निगम ग्रेटर प्रशासन अपनी आगे की कार्रवाई करेगा.

 

उधर व्यापारियों का कहना हैं की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई हैं.जो तथ्य निगम पेश नहीं कर पाया है, उनसे कोर्ट को अवगत कराएंगे. निगम को भी नोटिस का जवाब भी दिया जा रहा हैं.कानूनी सलाह लेकर आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि कोर्ट से न्याय मिलेगा.मामले में निगम के अफसरों का तर्क हैं की न्यायालय के आदेशों के अनुसरण में कार्रवाई की जा रही हैं.कोर्ट के आदेशों पर नोटिस दिए गए हैं.किसी को लीगली अपना पक्ष रखना है? तो नगर निगम के दरवाजे खुले हैं.

 

लेकिन हमे भी कोर्ट के आदेशों की पालना करवानी हैं रिपोर्ट पेश करनी हैं.इसलिए हमने कोर्ट के आदेश पर नोटिस दिए हैं और आगे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.उधर व्यापारियों का तर्क हैं की मध्यम मार्ग में कई भूखंड तो 36 मीटर, 51 मीटर के हैं.इनमें सेटबैक छोडऩे का प्रावधान नहीं है. 90 मीटर तक सेटबैक में छूट का प्रावधान है. निगम ने 36 और 51 वर्ग मीटर के भूखंडों में सेटबैक के उल्लंघन के नोटिस जारी कर दिए. व्यापारियों के पास समझौता समिति में जाने का रास्ता खुला है.

 

समिति में सेटबैक उल्लंघन तय होता है.मध्यम मार्ग का लैंड यूज मिश्रित है.वर्ष 2014 में निगम ने विज्ञप्ति भी जारी की की थी.आज तक निर्णय कर स्वीकृति जारी नहीं की गई हैं.मध्यम मार्ग पर नौ बाजार हैं.व्यापारियों के साथ न्याय की उम्मीद है. व्यापारियों ने कहा कि मध्यम मार्ग पर ही कुछ भूखंडों के निगम ने व्यावसायिक पट्टे दे दिए हैं.व्यापारियों का कहना है? कि वर्षों से नगरीय विकास कर व्यावसायिक देते आ रहे हैं.दरअसल हाईकोर्ट ने ये आदेश मानसरोवर निवासी मनमोहन नागपाल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए है.नागपाल का मानसरोवर के सेक्टर 30 में फ्लैट है? जो फर्स्ट फ्लोर है? और ग्राउंड फ्लोर पर बने फ्लैट व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थी.

 

इसके अलावा फ्लैट मालिक ने सैट बैक एरिया में भी दुकानें बना रखी हैं.नगर निगम ग्रेटर ने 2 मार्च को इन दुकानों को सील कर दिया था.इस पर दुकान मालिक अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में पेश होकर कोर्ट को बताया कि करीब 5 किलोमीटर लंबे पूरे मध्यम मार्ग पर ही आवासीय मकानों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं तो अकेले उसकी ही दुकानों को क्यों सील किया गया है? इस पर कोर्ट ने नगर निगम ग्रेटर को मध्यम मार्ग का सर्वे करके रिपोर्ट पेश करने को कहा था.

 

Jaipur: मानसरोवर के मध्यम मार्ग में अवैध निर्माणों को हटाने के लिए नगर निगम ग्रेटर की ओर से दिए नोटिसों को आज 150 से ज्यादा व्यापारियों ने मानसरोवर जोन ऑफिस पहुंचकर जवाब दिया. 30 मार्च तक नोटिस की मियाद खत्म होने के बाद और व्यापारियों की ओर से मिले जवाबों का परीक्षण के बाद नगर निगम ग्रेटर प्रशासन अपनी आगे की कार्रवाई करेगा.

 

उधर व्यापारियों का कहना हैं की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई हैं.जो तथ्य निगम पेश नहीं कर पाया है, उनसे कोर्ट को अवगत कराएंगे. निगम को भी नोटिस का जवाब भी दिया जा रहा हैं.कानूनी सलाह लेकर आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि कोर्ट से न्याय मिलेगा.मामले में निगम के अफसरों का तर्क हैं की न्यायालय के आदेशों के अनुसरण में कार्रवाई की जा रही हैं.कोर्ट के आदेशों पर नोटिस दिए गए हैं.किसी को लीगली अपना पक्ष रखना है? तो नगर निगम के दरवाजे खुले हैं.

 

लेकिन हमे भी कोर्ट के आदेशों की पालना करवानी हैं रिपोर्ट पेश करनी हैं.इसलिए हमने कोर्ट के आदेश पर नोटिस दिए हैं और आगे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.उधर व्यापारियों का तर्क हैं की मध्यम मार्ग में कई भूखंड तो 36 मीटर, 51 मीटर के हैं.इनमें सेटबैक छोडऩे का प्रावधान नहीं है. 90 मीटर तक सेटबैक में छूट का प्रावधान है. निगम ने 36 और 51 वर्ग मीटर के भूखंडों में सेटबैक के उल्लंघन के नोटिस जारी कर दिए. व्यापारियों के पास समझौता समिति में जाने का रास्ता खुला है.

 

समिति में सेटबैक उल्लंघन तय होता है.मध्यम मार्ग का लैंड यूज मिश्रित है.वर्ष 2014 में निगम ने विज्ञप्ति भी जारी की की थी.आज तक निर्णय कर स्वीकृति जारी नहीं की गई हैं.मध्यम मार्ग पर नौ बाजार हैं.व्यापारियों के साथ न्याय की उम्मीद है. व्यापारियों ने कहा कि मध्यम मार्ग पर ही कुछ भूखंडों के निगम ने व्यावसायिक पट्टे दे दिए हैं.व्यापारियों का कहना है? कि वर्षों से नगरीय विकास कर व्यावसायिक देते आ रहे हैं.दरअसल हाईकोर्ट ने ये आदेश मानसरोवर निवासी मनमोहन नागपाल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए है.नागपाल का मानसरोवर के सेक्टर 30 में फ्लैट है? जो फर्स्ट फ्लोर है? और ग्राउंड फ्लोर पर बने फ्लैट व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थी.

 

इसके अलावा फ्लैट मालिक ने सैट बैक एरिया में भी दुकानें बना रखी हैं.नगर निगम ग्रेटर ने 2 मार्च को इन दुकानों को सील कर दिया था.इस पर दुकान मालिक अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में पेश होकर कोर्ट को बताया कि करीब 5 किलोमीटर लंबे पूरे मध्यम मार्ग पर ही आवासीय मकानों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं तो अकेले उसकी ही दुकानों को क्यों सील किया गया है? इस पर कोर्ट ने नगर निगम ग्रेटर को मध्यम मार्ग का सर्वे करके रिपोर्ट पेश करने को कहा था.