जयपुर न्यूज: परिवहन विभाग के अफसर चुनाव लड़ना चाहते हैं. विभाग के आधा दर्जन टिकट पाने के लिए पार्टियों के चक्कर काट रहे हैं. टिकट के लिए कतार में केवल मुख्यालय के अफसर ही नहीं, बल्कि डीटीओ से लेकर आरटीओ अफसर भी हैं.


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प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगने के साथ ही चुनावी चहल-पहल शुरू हो गई है. पार्टियों के दफ्तर में टिकट पाने के लिए उम्मीदवारों की लम्बी कतारें हैं. इन कतारों में अब परिवहन विभाग के कुछ अफसर भी शामिल हैं. परिवहन विभाग के आधा दर्जन अफसर खुद के लिए या फिर परिवारजनों के लिए टिकट की दौड़ में हैं. इनमें रिटायरमेंट के नजदीक पहुंच चुके एडिशनल कमिश्नर स्तर के अधिकारी तो चुनाव लड़ने की कतार में हैं ही, साथ ही फील्ड में लगे कुछ डीटीओ, एआरटीओ और आरटीओ भी चुनावी टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं. 


परिवहन विभाग से रिटायर हो चुके अधिकारी भी टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं. परिवहन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो इनमें सबसे ज्यादा प्रबल संभावना नागौर के लाडनूं से प्रयास कर रहे नानूराम चोयल की है.


'परिवहन' अफसरों की टिकट के लिए 'दौड़'


- एडिशनल कमिश्नर मन्नालाल रावत आदिवासी बैल्ट से लड़ सकते चुनाव


- भाजपा से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं रावत


- एडिशनल कमिश्नर नानूराम चोयल लाडनूं से लड़ सकते चुनाव


- चोयल भाजपा से टिकट के लिए कर रहे हैं प्रयास


- अलवर RTO सतीश चौधरी भाजपा से टिकट के लिए इच्छुक


- डीग-कुम्हेर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं सतीश चौधरी


- सतीश चौधरी के भाई प्रधान हैं, ऐसे में उनके लिए भी दावेदारी


- भीनमाल डीटीओ अनूप चौधरी लूणी से कांग्रेस से दावेदार


- सीकर ARTO वीरेन्द्र सिंह राठौड़ पत्नी ऋतु चौहान के लिए टिकट के इच्छुक


- राठौड़ मसूदा से टिकट के लिए पत्नी को वीआरएस भी दिलवा चुके


- ऋतु चौहान के पिता अमर सिंह चौहान की गृहस्थ संत के रूप में पहचान


- दौसा डीटीओ पीआर मीना पत्नी के लिए जुगाड़ रहे टिकट


- रिटायर्ड RTO भजनलाल रोलन धोद से भाजपा से दावेदार


पूर्व के चुनावों में हालांकि परिवहन विभाग के अफसरों का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है. पिछले चुनाव के दौरान भी भजनलाल रोलन ने टिकट पाने के लिए प्रयास किए थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी थी. हालांकि इस बार नानूराम चोयल और मन्नालाल रावत की तरफ से गंभीर प्रयास किए गए हैं. परिवहन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो अभी तक किसी भी अफसर ने चुनावी टिकट के लिए वीआरएस के लिए आवेदन नहीं किया है. लेकिन टिकट मिलने की स्थिति में तुरंत वीआरएस लेकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली गई है.


रिपोर्टर-काशीराम चौधरी


 


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