पशुसहायकों के आंदोलन से प्रभावित पशुओं का उपचार, 4 दिन से अनशन पर बैठे सहायक
Jaipur News: प्रदेश में पशु सहायकों के आंदोलन से पशुओं के उपचार, योजनाओं के प्रचार प्रसार और औषधी वितरण जैसे महत्वपूर्ण काम रूक गए है...
Jaipur News: प्रदेश में पशु सहायकों के आंदोलन से पशुओं के उपचार, योजनाओं के प्रचार प्रसार और औषधी वितरण जैसे महत्वपूर्ण काम रूक गए है. इसके अलाावा प्रदेश में चल रहा खुरपका मुंह पका टीकाकरण पशुधन संवर्धन के लिए कृत्रिम गर्भाधान के आवंटित लक्ष्य और शिविरों के आयोजन का कार्य प्रभावित हो सकते है.
साथ ही पिछले चार दिन से पशु सहायक संवर्ग कर्मचारियों का अनश्वितकालीन अनशन चल रहा है. पशु कार्मिकों ने बजट से पहले मौका देखते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राज्य के पशुधन सहायक संवर्ग कार्मिक पशुपालन निदेशालय विभाग के बाहर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन पर बैठ गए है.
5 साल से नहीं हुआ पदनाम परिवर्तन
पशुधन सहायक संवर्ग पदनाम परिवर्तन पशुधन प्रसार अधिकारी करने की मांग 5 साल से की जा रही है. इसके अलावा वेतन विसंगति दूर करवाकर आयुर्वेद कम्पाउन्ड के बराबर ग्रेड पे 3600, पशुधन सहायक संवर्ग के पदोन्नति के अवसर बढ़ाने के लिए नए पदों का सृजन करने, रिक्त पदों पर नवीन पशुधन सहायक और जलधारी भर्ती की जाए. इसके अलावा पशुधन सहायक संवर्ग की पदोन्नति, हार्ड ड्यूटी अलाउंस देने और पशुधन सहायक संवर्ग के लिए काउंसिल का गठन किया जाए.
90% योजनाओं का संचालन पशुधन सहायक करता है
आपको बता दें कि पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के हित में चलाई जाने वाली 90% योजनाओं का संचालन अकेला पशुधन सहायक संवर्ग करता है. कर्मचारियों का कहना है कि IVC Act 1984 के अन्तर्गत यह स्पष्ट प्रावधान है कि पशुचिकित्सा सम्बंधित समस्त कार्य पशुधन सहायक संवर्ग को केवल रजिस्टर्ड वेटनरी प्रेक्टीशनर के सुपरविजन में किया जाए, लेकिन राजस्थान के पशुधन सहायक संवर्ग को ना तो पशुपालन विभाग ने अधिकृत किया हुआ है. ऐसे में देखना होगा कि पशुपालन विभाग इनकी मांगों पर कितना अमल करते हैं.
Reporter: Ashish Chauhan
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