Jaipur: जेल में कैदियों ने बनाए कलात्मक दीपक-रंगीन मोमबत्तियां, आम बिक्री के लिए लगाया मेला
राजस्थान की जेलों में बंद कैदी दीपक और मोमबत्तियों से दीपावली को रोशन कर रहे हैं. कैदियों की ओर से बनाए दीपक, पूजा की थाली और अन्य सामान अब आम आदमी खरीद सकते हैं. इसके अलावा घरों में काम आने वाले जरूरत के उत्पाद भी बेचे जा रहे हैं. लोग यह सामग्री सेंट्रल जेल के पास आशाएं शॉप से खरीद सकते हैं. इसके अलावा एक नवम्बर से जवाहरकला केंद्र पर लगने वाले मेले में भी वस्तुएं आकर्षण का केंद्र होगी.
Jaipur: जाने अनजाने में अपराध हो जाने से जेल पहुंच गए, लेकिन कला और कौशल अब भी उनके साथ है. राज्य की जेलों में कैदी आम लोगों की जरूरत का सामान बना रहे हैं, यह सामान बेचने के रखा हुआ है. दीपावली का त्योहार है और ऐसे में कैदियों ने दीपक, मोमबत्ती के साथ ही पूजा की थाली और अन्य आकर्षक वस्तुएं बनाई है. मिट्टी के दीपकों और पूजा की थाली पर रंग कर उन्हें आकर्षक बनाया गया है.
इसके साथ ही कलर मोमबत्तियां भी बनाई गई है, जो सारी रात चल सकती है. इनके दाम भी बहुत कम रखे गए हैं ताकि आम आदमी आसानी से खरीद सकें. इनमें पूजा की थाली जयपुर महिला जेल की कैदियों ने पूजा की थालियां तैयार की है, वहीं अजमेर सेंट्रल जेल में छोटे दीपक, मसाले और कपडे धोने के साबुन बनाए गए हैं. सेंट्रल जेल कोटा में बना फिनायल , महिला सुधार गृह जयपुर में जयपुरी रजाइयां, रंगी मोमबत्ती और डिजाइनदार दीपक बनाए गए हैं. इनके अलावा जयपुर सेंट्रल जेल में पेंटिंग्स और दरियां बनाई गई है. आम लोगों को ये सब सामान जयपुर सेंट्रल जेल के पास आशाएं शॉप पर मिल रहा है.
जेल का दीपावली मेला
कैदियों की ओर से बनाए गए इन सामानों को बेचने के लिए महकमें की ओर से दीपावली मेला शुरू किया गया है, 27 अक्टूबर तक चलने वाले इस मेले का उद्घाटन जेल महानिदेशक भूपेंद्र दक, एडीजी मालिनी अग्रवाल ने किया. अधिकारियों ने शॉप का भ्रमण कर उत्पादों की जानकारी ली. उनकी क्वालिटी का भी परिक्षण किया. डीजी जेल भूपेंद्र दक ने कहा कि इस प्रकार की कार्यों से कैदियों में सुधार की प्रवृत्ति का विकास होगा.
वहीं, कैदियों के रोजगार सृजन, कौशल विकास और आय अर्जित करे सकेगा. उत्पादों से मिली राशि कैदियों के खाते में जाएगी. जेल अधिकारियों का कहना है कि इस आयोजन से कैदियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए उद्यमिता की ओर अग्रसर कर रहा हैं. जेल प्रशासन का यह कदम कैदियों की मानसिकता में बदलाव के साथ उनकी आमदनी भी करवाएगा.