Jaipur News: प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी और इनसे जुड़े अपराधियों से निपटने के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स तैयार हो रही है. वित्त विभाग के इनकार के बाद सीएम ने बजट में घोषणा की. 
इसके बाद अब राज्य सरकार ने स्पेशल टॉस्क फोर्स (एंटी ड्रग्स) के लिए पदों के साथ ही संसाधनों की मंजूरी दे दी है. एक एएसपी सहित 16 पद तथा एंटी नारकोटिक्स की 7 चौकियों के लिए 63 पदों की मंजूरी दी है इसके लिए गृह विभाग से आदेश जारी कर दिए गए हैं.


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राजस्थान में तेज गति से मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है, वहीं युवाओं में नशे की लत भी तेजी से बढ़ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक इस तरह से बढ़ते नशे के कारोबार को कंट्रोल करने के निर्देश दे चुके हैं. इधर केंद्र सरकार की ओर से पिछले दिनों मादक पदार्थ तस्करों की धरपकड़, मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों पर कार्रवाई के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए थे. इस पर पुलिस मुख्यालय ने स्पेशल टॉस्क फोर्स एंटी ड्रग्स बनाने और प्रभावी कार्रवाई के लिए एंटी ड्रग्स की 9 चौकियां गठित करने का का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा. वित्त विभाग ने प्रस्ताव मंजूर करने के बजाय एसओजी को ही मजबूत करने की सलाह दे डाली.


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15 लाख 81 हजार रुपये का बजट जारी 
मुख्यमंत्री ने बजट में एसओजी में स्पेशल टॉस्क फोर्स एंटी ड्रग्स के गठन की घोषणा की थी. इसके क्रम में वित्त विभाग की सहमति के बाद गृह विभाग ने दो दिन पहले ही इसके लिए नए पदों और संसाधों की स्वीकृति के आदेश जारी कर दिए. आदेश के अनुसार एक एएसपी, दो सीआई, चार हैड कांस्टेबल, नौ कांस्टेबल सहित 16 पद सृजित किए हैं. साथ ही फोर्स के लिए टेलीफोन, वाहन, मोटरसाइकिल, वायरलैस सेट, कम्प्यूटर फर्नीचर के लिए 15 लाख 81 हजार रुपये का बजट जारी किया है.


दो यूनिट को छोड़ सात चौकियों के लिए भी पद-संसाधन
आदेश के अनुसार, एंटी नारकोटिक्स यूनिट मालारामपुर संगरिया तिाा एंटी नारकोटिक्स एसओजी में मादक पदार्थ की कार्रवाई के लिए स्वीकृत है. इन दोनों को छोड़कर सात पुलिस चौकियों के लिए एक-एक सीआई, एक-एक एसआई, एक एक एएसआई, एक एक हैडकांस्टेबल तथा पांच कांस्टेबल सहित 63 पद सृजित करने के आदेश दिए हैं. वहीं सातों चौकियों के लिए सात टीयूवी 300 वाहन, मोटरसाइकिल 14, फर्नीचर वायरलैस सेट के लिए 91 लाख सात हजार रुपये का बजट जारी किया है.


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- राजस्थान में सुनियोजित और संगठित रूप से मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है.
- तस्करी में बड़े पैमाने पर अवैध हथियार और चोरी के वाहनों का उपयोग आया है सामने.
- प्रदेश में कई जगह मादक पदार्थ तस्कर पुलिस पर हमला कर चुके हैं, पुलिस टीम से मुठभेड में तस्कर भी गए हैं मारे.
- पिछले तीन साल में राजस्थान में लगातार मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है.
- वर्ष 2019 में मादक पदार्थ के 2592 केस दर्ज हुए, वहीं वर्ष 2020 में 2743 तथा वर्ष 2021 में 2989 केस दर्ज किए गए.
- गृहमंत्रालय के निर्देश के बाद एसटीएफ एंटी ड्रग्स का गठन किया गया है.
- राज्य के मादक पदार्थों के सबसे ज्यादा बोलबाला वाले जिलों में ये चौकियां हैं.
- जयपुर, जोधपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर शामिल है.
-हालांकि बजट से पहले वित्त विभाग एसओजी में एसटीएफ एंटी ड्रग्स एवं 9 नई चौकियों एंटी ड्रग यूनिट के गठन पर असहमति व्यक्त कर चुका था.
- बाद में सीएम की बजट घोषणा के बाद इ्रन्हें शुरू किया गया है.