Jaipur में मौत के 32 ब्लैक स्पॉट, 3 सालों में 261 लोगों की गई जान
राजधानी जयपुर की सड़कों पर दोपहर में यातायात दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते शहर में अलग-अलग स्थानों पर यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं, दूसरी ओर यदि बात रात के वक्त की करें तो दोपहर की तुलना में रात के वक्त की स्थिति बिल्कुल अलग है.
Jaipur: राजधानी जयपुर की सड़कों पर दोपहर में यातायात दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते शहर में अलग-अलग स्थानों पर यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं, दूसरी ओर यदि बात रात के वक्त की करें तो दोपहर की तुलना में रात के वक्त की स्थिति बिल्कुल अलग है. रात 10 बजे बाद राजधानी की सड़कों पर यातायात दबाव बहुत कम हो जाता है और ऐसे में सूनी सड़कों पर लोग लापरवाही बरतते हुए तेज गति में अपने वाहन दौड़ाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं. पिछले 3 वर्षों में राजधानी जयपुर में रात 10 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक सड़क हादसों में कुल 261 लोगों ने अपनी जान गवाई है. वहीं, इससे कहीं अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
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जयपुर ट्रैफिक पुलिस के जवान सुबह 9 बजे से लेकर रात 10 बजे तक शहर के अलग-अलग मार्गों पर तैनात रहते हैं. वहीं, रात 10 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक पुलिस कर्मियों की गैरमौजूदगी में ही सर्वाधिक सड़क हादसे घटित होते हैं. राजधानी में रात के वक्त होने वाले सड़क हादसों की गहनता से जांच करने के बाद जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने शहर में 32 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं. इन ब्लैक स्पॉट पर ही पुलिस कर्मियों की गैरमौजूदगी में बीते 3 वर्षों में छोटे-बड़े 829 सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं. जिसमें 261 लोगों की मौत हुई है तो वहीं 657 लोग घायल हुए हैं.
पिछले 3 वर्षों में रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक हुए सड़क हादसों का आंकड़ा
वर्ष सड़क हादसे घायल मौत
2019 -- 288 -- 220 -- 72
2020 -- 156 -- 128 -- 59
2021 -- 385 -- 309 -- 130
राजधानी जयपुर में 35 लाख वाहन रजिस्टर्ड है जबकि जयपुर ट्रैफिक पुलिस के बेड़े में मात्र 1350 पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं. जयपुर ट्रैफिक पुलिस काफी लंबे समय से नफरी की कमी से जूझ रही है, जिसे लेकर पुलिस मुख्यालय को भी जयपुर के आला अधिकारियों द्वारा अनेक बार अवगत करवाया जा चुका है. जयपुर ट्रैफिक पुलिस में तैनात 1350 जवानों में से 150 जवान तो केवल मॉनिटरिंग के काम में ट्रैफिक कंट्रोल रूम, डीसीपी कार्यालय और अन्य कार्यालयों में तैनात हैं.
रात के समय होने वाले सड़क हादसों को लेकर डीसीपी ट्रैफिक श्वेता धनखड़ का कहना है कि नफरी की कमी के चलते रात के वक्त सड़क पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगा पाना संभव नहीं है. हालांकि जिन ब्लैक स्पॉट पर सर्वाधिक सड़क हादसे घटित होते हैं वहां पर नाकाबंदी करके या फिर स्पीड गन और इंटरसेप्टर तैनात करके समय-समय पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है. हालांकि रात के वक्त जितने भी सड़क हादसे घटित होते हैं उनके पीछे का मुख्य कारण तेज रफ्तार होती है.