जयपुर: किसानों को उच्च गुणवत्ता वाला आदान उपलब्ध कराए- कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया
कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए सदैव कृषि क्षेत्र में नवाचार करती रही है. राज्य सरकार द्वारा बजट में कृषक कल्याण कोष की राशि को 5 हजार करोड़ से बढ़ाकर 7 हजार 500 करोड़ रुपए किया गया है, जिससे कि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके.
Jaipur News: कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया की अध्यक्षता में कालख, जोबनेर में जयपुर के अनुज्ञापत्रधारी कृषि आदानों के थौक खुदरा विक्रेताओं की खरीफ मौसम पूर्व गुणवत्ता, विक्रय के सम्बधं में विभिन्न नियमों एवं अधिनियमों की जानकारी, POS मशीन अपग्रेड व राजकिसान सुविधा ऐप के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने के सम्बध में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया.
कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को समय पर आदान व्यवस्था सुनिश्चित करने, जिले में आदानों की निगरानी रखने एवं समय पर गुणवत्ता नियन्त्रण कार्य सम्पादित करने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने आदान विक्रेताओं को गुणवत्तायुक्त उत्पाद, उर्वरक व बीज का समय पर उचित भण्डारण रखने और सभी विक्रेताओं को POS मशीन के माध्यम से ही उर्वरक वितरण करने को कहा.
लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए सदैव कृषि क्षेत्र में नवाचार करती रही है. राज्य सरकार द्वारा बजट में कृषक कल्याण कोष की राशि को 5 हजार करोड़ से बढ़ाकर 7 हजार 500 करोड़ रुपए किया गया है, जिससे कि अधिक से अधिक किसानों को लाभ मिल सके.
आयुक्त कृषि, कानाराम ने राज किसान सुविधा ऐप के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी एवं उपस्थित सभी डीलर-विक्रेताओं एवं विभागीय अधिकारियों को राज किसान सुविधा ऐप डाउनलोड कर अन्य कृषकों को भी इस ऐप की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया.
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कृषि आयुक्त ने प्रशिक्षण में उपस्थित आदान विक्रेताओं को बीज, उर्वरक एवं कीटनाशी रसायन के विक्रय से जुडे नियमों एवं अधिनियमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की एवं क्षेत्र के सभी अनुज्ञापत्रधारी आदान विक्रेताओं को डिस्पले बोर्ड एवं स्टांक रजिस्टर दुरस्त रखने एवं अनुज्ञापत्र में दुकान में रखे जाने वाले सभी उत्पाद जुड़वाने एवं कृषकों को विक्रय किये जाने वाले उत्पाद का बिल आवश्यक रूप से कृषकों को देने हेतु निर्देशित किया.
उन्होंने कहा कि आदान विक्रेताओं की भूमिका कृषकों के लिए डॉक्टर से कम नहीं है और आदान विक्रेता कंपनी मार्जन को ध्यान में न रखकर कृषकों को गुणवत्ता पूर्वक एवम् आवश्यकतानुसार ही उर्वरक दे. उन्होंने आदान विक्रेताओं से आग्रह किया कि वे नकली सामान बेचने व कालाबाजारी से बचें और उच्च गुणवत्ता के उर्वरक ही रखें जिससे कृषकों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके.