नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र के मानवीय संगठनों ने कहा कि गाजा में कहीं भी नागरिक सुरक्षित नहीं हैं और गाजा पट्टी का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इजरायल के निकासी आदेशों के अधीन है. फिलीस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (UNRWA) के महाआयुक्त फिलिप लाजारिनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "यहां कोई मानवीय क्षेत्र तो दूर, 'सुरक्षित क्षेत्र' भी नहीं है."
नागरिक हत्या रोकने की अपील
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लाजारिनी ने भ्रामक निकासी आदेशों और नागरिकों की हत्या को रोकने की अपील की है. साथ ही चेतावनी दी कि बिना युद्धविराम के हर दिन और अधिक त्रासदी लेकर आ रहा है. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने कहा कि इजरायली सेना ने इजरायल में रॉकेट फायर का हवाला देते हुए गाजा के भीतर बड़े क्षेत्रों को खाली करने का आदेश दिया.
कार्यालय ने कहा कि प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि नए आदेश उत्तरी गाजा और देइर अल बलाह प्रांतों में लगभग 3 वर्ग किमी को कवर करते हैं. अल मवासी क्षेत्र में हमलों की सूचना मिली है, जहां लोगों को स्थानांतरित करने और शरण लेने का आदेश दिया गया था.
गाजा में लोगों की मदद की जरूरत
ओसीएचए ने कहा, गाजा पट्टी का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इजरायली निकासी आदेशों के अधीन है, जिन्हें वापस नहीं लिया गया है. कार्यालय ने चेतावनी दी कि गाजा में जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए मानवीय संगठनों की क्षमता और कम होती जा रही है.
मानवतावादियों ने कहा कि पिछले महीने मानवीय गतिविधियों पर सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे. इनमें आपूर्ति एकत्र करने के लिए सीमा क्षेत्रों तक पहुंच को ब्लॉक करना, माल और सेवाएं पहुंचाने के प्रयासों को नकारना या गाजा में जरूरतों का आकलन करना शामिल है.
कुल मिलाकर गाजा में कहीं भी सहायता कार्यकर्ताओं को ले जाने के संयुक्त राष्ट्र के 39 प्रतिशत प्रयासों को इजरायली अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया, जबकि अन्य 18 प्रतिशत को बाधित किया गया या हस्तक्षेप किया गया.
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