Jaipur: संविधान दिवस पर राजस्थानी माटी के लालों को किया नमन, संविधान बनाने के योगदान में थी अहम भूमिका
Jaipur News: देश अपना 71 वां संविधान दिवस मना रहा है. इस मौके पर संविधान दिवस पर देश के संविधान में योगदान देने वाले राजस्थानी माटी के लाल को प्रदेश की जनता ने याद किया. इसमें 12 नाम शामिल हैं. इनमें से ग्यारह सदस्य देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में संविधान सभा में पहुंचे थे.
Jaipur News: देश अपना 71 वां संविधान दिवस मना रहा है. इस मौके पर प्रदेश में कई जगह कार्यक्रम हुए और आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला लगातार जारी रहने वाला है. इस मौके पर संविधान दिवस पर देश के संविधान में योगदान देने वाले राजस्थानी माटी के लाल को प्रदेश की जनता ने याद किया.
इस बीच राजस्थान के योगदान को जानना भी लाजमी है. राजस्थान से संविधान सभा में प्रतिनिधियों की बात करें तो इसमें 12 नाम शामिल हैं. इनमें से ग्यारह सदस्य देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में संविधान सभा में पहुंचे, जबकि एक सदस्य अजमेर-मेरवाड़ा के चीफ कमिश्नरेट क्षेत्र से शामिल रहे. इनमें से ग्यारह सदस्य देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में संविधान सभा में पहुंचे, जबकि एक सदस्य अजमेर-मेरवाड़ा के चीफ कमिश्नरेट क्षेत्र से शामिल रहे.
राजस्थान से संविधान सभा में शामिल रहे प्रमुख चेहरे -
मुकुट बिहारीलाल भार्गव वीटी कृष्णामाचारी हीरालाल शास्त्री खेतड़ी के सरदार सिंह बीकानेर के ठाकुर जसवन्त सिंह राज बहादुर माणिक्य लाल वर्मा गोकुललाल असावा रामचन्द्र उपाध्याय बलवन्त सिंह मेहता दलेल सिंह जयनारायण व्यास |
संविधान सभा में राजस्थान के प्रतिनिधियों ने संविधान में शामिल विषयों पर अपना योगदान दिया तो संविधान की मूल प्रति को सजाने-संवारने में भी मरूधरा के लोगों की भूमिका रही. भारत के संविधान की मूल प्रति में 22 चित्र भारत के वैभवशाली इतिहास, परम्परा और संस्कृति को दर्शाते हुए लगे हैं..... यह सभी चित्र विख्यात चित्रकार नंदलाल बासु ने बनाए थे. इसके साथ ही इस कारीगरी में राजस्थान के ख्यातनाम कलाकार कृपालसिंह शेखावत ने भी अपना योगदान दिया था.
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस
26 नवंबर के दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था. इस दिन संविधान की किताब बनकर तैयार हुई थी जिसने हमें आजादी व समानता के साथ जीने का अधिकार दिया हुआ है. 26 नवंबर, 1949 को ही देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था. संविधान बनकर तैयार हुआ और देश को समर्पित किया गया.
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