Jaipur: गुलाबी नगरी जयपुर में बहुचर्चित नाटक बाप रे बाप के 37वें शो का मंचन किया गया. हास्य और व्यंग्य से भरपूर इस नाटक को देखकर दर्शक लोटपोट हो गए . इस नाटक के लेखक  पद्मश्री से सम्मानित स्वर्गीय के पी सक्सेना हैं.  जिन्होंने लगान, स्वदेश, जोधा-अकबर और  हलचल जैसी मसहूर फिल्में लिखीं. नाटक का निर्देशन दिनेश प्रधान ने किया है. आप ने अभी तक सुना होगा कि बेटे नाराज़ होकर घर से भाग जाते हैं, अपनी पसंद की लड़की से शादी करने के लिए या फिर मुम्बई हीरो बनने के लिए. 


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मगर सोचिये , अगर घर का मालिक बाप ही भाग जाए तो क्या होगा ? नाटक बाप रे बाप में ऐसी ही उल्टी गंगा बही है. बेटे की जगह इस घर का बाप ही भाग गया है. प्रस्तुत नाटक में बाप के भाग जाने या खो जाने के बहाने से उन ऊंचे लोगों पर भी हास्य-व्यंग्य के दो-दो छींटे डाले गए हैं .


जहां घर के आधुनिक माहौल में पुरानी परंपरागत मान्यताओं वाले बाप का दर्ज़ा घर के किसी पुराने बर्तन से ज़्यादा नहीं है. इस प्रस्तुति में भाग लेने वाले मुख्य कलाकार सर्वेश व्यास, दीपक शर्मा, विनोद जोशी , सुदर्शिनी माथुर, दिशा संदीपन, मुकेश सिंह, देवराज गौतम,प्रताप सिंह, दीपक गुर्जर एवं अभिषेक चौधरी ने अभिनय किया. नाटक की प्रकाश व्यवस्था राजदीप बर्मा, संगीत संयोजन चंचल शर्मा, मंच व्यवस्था हसीब खान और सरगम भटनागर एवं प्रस्तुति नियंत्रक अनिता प्रधान की थी.


Reporter- Anup Sharma


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