Jaipur: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (State Commission for Protection of Child Rights) ने जयपुर (Jaipur) शहर को भिक्षावृत्ति (Beggary) से मुक्त करने के लिए अभियान शुरू किया.


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पहले शहर के चौराहों पर भिखारियों से समझाइश की जाएगी और कुछ समय बाद भिखारियों का रेस्क्यू कर उनका पुनर्वास किया जाएगा. बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने मंगलवार शाम हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथों को रवाना किया. 


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झालाना स्थित बाल आयोग कार्यालय में अध्यक्ष ने अभियान को लेकर पुलिस, सामाजिक न्याय अधिकारिकता विभाग, श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ ही एनजीओ के प्रतिनिधियों से चर्चा की. इसके बाद जागरूकता रथ रवाना किए गए.


ऐसे फैलाया जाएगा जागरुकता कार्यक्रम
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पिछले दिनों बाल श्रम और भिक्षावृत्ति मुक्त राजस्थान की मंशा जताई थी. इसके बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग ने मुख्यमंत्री की परिकल्पना को साकार करने का बीड़ा उठाया और अभियान शुरू किया. 


राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के झालाना स्थित कार्यालय से अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने मंगलवार शाम जागरुकता वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस मौके पर बेनीवाल ने बताया कि ये वाहन शहर के चौराहों, होटलों, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर जाकर ऑडियो और पोस्टर के माध्यम से बाल श्रम से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे.


दो चरणों में चलेगा अभियान 
इस अभियान को दो चरणों में चलाया जाएगा, जिसके तहत प्रथम चरण की शरूआत जनजागरूकता अभियान के रूप में आज से हो गई है. ये वाहन शहरभर में घूमकर जयपुर को बालश्रम और भिक्षावृत्ति मुक्त करने का संदेश देंगे. वहीं, दूसरे चरण में बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू का कार्य भी किया जाएगा. इस मौके  बेनीवाल ने विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से तैयार किए गए जनजागरूकता सामग्री का विमोचन भी किया.


भिक्षा के बजाय, शिक्षा दें 
इस मौके पर संगीता बेनीवाल ने सभी से अपील की, कि सड़कों, होटलों या जहां कहीं भी बच्चों को बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त देखें तो उऩ्हें पैसे देने के बजाय तुरंत उसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन, आयोग के नंबर या पुलिस को दें, जिससे की हर बच्चे को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाकर शिक्षा से उन्हें जोड़कर उसका अच्छा भविष्य सुनिश्चित किया जा सके.