जोधपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामलाः मानवाधिकार आयोग सख्त, जांच कमेटी बनाने के दिए निर्देश
जोधपुर के सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग सख्त है.आयोग ने मामले में जोधपुर कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और कॉलेज प्रिंसीपल को नोटिस जारी किए हैं.वहीं मामले में महिला डीसीपी-एसडीएम स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए
Jaipur News: जोधपुर के सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के मामले को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग सख्त है.आयोग ने मामले में जोधपुर कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और कॉलेज प्रिंसीपल को नोटिस जारी किए हैं.वहीं मामले में महिला डीसीपी-एसडीएम स्तर के अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं.
जोधपुर के डॉ सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में नए स्टूडेंटस के साथ सीनियर छात्रों के रैगिंग करने का मामला सामने आया है.मेडिकल कॉलेज में 2022-23 बैच के स्टूडेंट्स की मां ने आरोप लगाया था, साथ ही एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों की ऑफिशियल आईडी पर मेल कर रैगिंग की रोकथाम के लिए गुहार लगाई है.उन्होंने मेल में लिखा कि मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के केस दिनों-दिन बढते जा रहे हैं.जिसमें बच्चों का हरेसमेंट करने के साथ मेंटल प्रेशर डाल टर्चर किया जा रहा है.रैगिंग लेने वाले सीनियर स्टूडेंट्स वे हैं जिन्होनें हाल में फर्स्ट ईयर की परीक्षा दी है.
मेल में बताया कि सीनियर अपने से जूनियर स्टूडेंट्स को अज्ञात जगह बुलाते हैं, जहां 8-0 सीनियर स्टूडेंट्स पहले ही होते हैं.इतना ही नहीं कभी कभी हॉस्टल में या उनके पीजी में बुलाकर खाना व शराब लाने को कहते हैं.यदि हॉस्टल वारईन इस ओर ध्यान दें तो हॉस्टल में शराब की बोतलें दिखाई देंगी.रैणिंग में सीनियर स्टूडेंट्स कई बार नए आए बच्चों के प्राइवेट पार्ट को टच करने के साथ गाली-गलौच करते हैं और चिल्लाते हैं.सीनियर अपने असाइनमेंट करने को कहते हैं.अपने सामने कई घंटे खडा रखते है, मुर्गा बनाते हैं, डांस कराते हैं.इस तरह की घटनाएं नए बच्चों में डर का माहौल पैदा कर रही है.
धरती पर भगवान बनने का यह कृत्य शर्मसार
आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास ने इस मामले को गंभीरता से लिया और नोटिस जारी किए.व्यास ने लिखा कि मेडिकल कॉलेजों में धरती के भगवान कहे जाने वाला डॉक्टर बनने के लिए शिक्षा ग्रहण करने के लिए नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं के साथ इस प्रकार के अमानवीय रैगिंग मानवता को शर्मसार करने वाले गंभीर आपराधिक कृत्य हैं.
मानव सभ्यता व मानवीय संस्कारों के विपरीत इस प्रकार के दुर्व्यवहार (रैगिंग) से पीड़ित छात्रों की मानसिकता पर काफी हानिकारक प्रभाव पढ़ना सम्भावित रहता है.पीड़ित छात्र कई बार निराशा, अपमान और क्रोध के आवेग में आत्महत्या भी कर लेते हैं.रैगिंग से बचाव के लिए भारतीय दण्ड संहिता, यूजीसी रेग्युलेशन्स, 2009 व राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (1980) सहित वर्तमान में विधि द्वारा स्थापित कानूनों-नियमों के कठोर दण्डात्मक प्रावधान होने पर भी सम्बन्धित लोक सेवकों की संवेदनहीनता के कारण प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से इस प्रकार घटित अमानवीय घटनाओं को आयोग गम्भीरता से लेकर मामले पर प्रसंज्ञान लेता है.
कमेटी गठित करने का निर्देश
आयोग ने जोधपुर कलक्टर को लिखा कि एक डीवाईएस अथवा इससे उच्च स्तर की महिला पुलिस अधिकारी, एक उपखण्ड अधिकारी स्तर अथवा उससे वरिष्ठ स्तर की महिला
प्रशासनिक अधिकारी व एक वरिष्ठ पुरुष अधिकारी सहित तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की जाए.मामले की जांच दस दिन में करवाकर रिपोर्ट आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं.मामले में अगली तारीख तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.मामले में आयोग में सुनवाई की अगली तारीख तीन फरवरी 2023 रखी गई है.