Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अध्ययनरत महाविद्यालयों की छात्राओं से राजस्थान (Rajasthan) में बालिका शिक्षा (Girl Education) को बढ़ावा देने के लिए संवाद किया.


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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धरातल से प्राप्त सुझावों के आधार पर अपनी आगामी योजनाओं को बेहतर बना सकेगी. साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विद्यार्थियों विशेषकर बालिकाओं को उनकी इच्छाओं और आशाओं के अनुरूप करियर में आगे बढ़ने के लिए विशेष शिक्षण एवं समुचित कोचिंग (Special education) की व्यवस्था कराई जाए.


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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्कूटी योजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री निवास (CM Residence) से वीडियो कॉन्फ्रेंस (Video Conference) से आयोजित कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना (Kalibai Bhil Meritorious Student Scooty Scheme) के शुभारंभ समारोह के दौरान स्कूटी प्राप्त करने वाली लाभार्थी छात्राओं से संवाद कर रहे थे. उन्होंने छात्राओं से उनकी पढ़ाई, परिवार की स्थिति, करियर के लक्ष्य पर चर्चा की तथा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन (Promotion of girl  education) देने के लिए शुरू की गई योजनाओं पर फीडबैक (Feedback) लिया. उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग (Higher education department) के अधिकारियों जिला कलेक्टर और कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों के लिए शुरू की गई. सभी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद एवं पात्र छात्र-छात्राओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करें.


निःशुल्क साइकिल योजना के बाद अब छात्राओं को स्कूटी योजना
संवाद के दौरान छात्राओं ने स्कूटी योजना (Scooty Scheme) के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूटी मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है क्योंकि इससे उनको अपनी आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज अथवा कोचिंग (college or coaching) के लिए जाने में सहूलियत होगी. अब उनको अध्ययन के लिए घर से दूर तक जाते समय किसी पर निर्भर नहीं रहना होगा. कई छात्राओं ने बताया कि वे पूर्व में राज्य सरकार की निशुल्क साइकिल योजना का भी लाभ ले चुकी हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने लाभार्थी छात्राओं को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी तथा बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कही ये बड़ी बातें
मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा से संघर्ष करने की क्षमता पैदा होती है, जो समाज शिक्षा पर फोकस करता है, वह विकास की दौड़ मे आगे बढ़ता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) को तेज गति से तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा के लिए अवसर बढ़ाए हैं. युवाओं को निकटतम स्थान पर कॉलेज की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए पिछले लगभग 3 वर्षों में 123 नये कॉलेज खोले हैं, जिसमें से 32 महिला कॉलेज (Women College) हैं. सरकार ने प्रत्येक उपखण्ड मुख्यालय (Sub Divisional Headquarters) पर महाविद्यालय खोलने की योजना बनाई है.


मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना का अधिकाधिक किया जाए प्रचार
गहलोत ने कहा राजस्थान आज प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. राजकीय शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग दी जा रही है. उन्होंने विभिन्न वंचित वर्गों के विद्यार्थियों को कोचिंग के लिए इस बजट में घोषित ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ का भी अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने को कहा, ताकि बड़ी संख्या में पात्र विद्यार्थी इसका लाभ ले सकें.


वीर बालिका कालीबाई भील नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचल में शिक्षा की अलख जगाने (Education in tribal area) के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाली वीर बालिका कालीबाई भील नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. आदिवासी बालिका और उनके गुरूजी नानाभाई भील (Nanabhai Bhil) ने उस दौर में शिक्षा के महत्व को समझा, जब अंग्रेजों के शासन में हर व्यक्ति को पढ़ने की इजाजत नहीं थी. गुरूजी नानाभाई तथा कालीबाई ने अपनी पाठशाला को बंद करने के सरकारी आदेश को मानने से इंकार किया और अंग्रेजों के दमन के खिलाफ संघर्ष में अपने जीवन का बलिदान कर दिया.


सामाजिक चेतना की प्रतीक कालीबाई बनी मिसाल
गहलोत ने कहा कि महिला शिक्षा और सशक्तिकरण का एक और उदाहरण महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) और सावित्री बाई फुले (Savitri Bai Phule) का है. इन्होंने समाज और जाति के बंधनों को तोड़कर महिला शिक्षा के लिए अलख जगाई. ऐसी महान विभूतियों से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार ने प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक निःशुल्क शिक्षा जैसी योजनाएं लागू की हैं. सामाजिक चेतना की प्रतीक कालीबाई को भावी पीढ़ी के सामने एक मिसाल के रूप में पेश करने के लिए राज्य सरकार की मेधावी छात्राओं के लिए संचालित सभी स्कूटी योजनाओं को एकीकृत कर कालीबाई के नाम से शुरू किया है.


बालिकाओं की शिक्षा के प्रति बन रहा सकारात्मक माहौल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बालिकाओं की शिक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल बना है, और बड़ी संख्या में छात्राएं हर स्तर और विषय में छात्रों से आगे निकल रही हैं. इसके बावजूद बालिकाओं की एक बड़ी आबादी आज भी शिक्षा से वंचित है. परिवार और समाज का यह फर्ज बनता है कि वे बालक-बालिका के बीच भेदभाव करना छोड़ें और बालिकाओं को समान रूप से आगे बढ़ने के अवसर दें. उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने का पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का निर्णय महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम था.


महाविद्यालयों में ‘विद्या सम्बल योजना’  की शुरुआत
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी (Bhanwar Singh Bhati) ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में बीते लगभग 3 वर्षों में 123 नए कॉलेज खोलने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों की मांग के अनुसार 17 स्नातक महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर पर अपग्रेड किया है. अन्य कई महाविद्यालयों में नए संकाय तथा नए विषय शुरू किए गए हैं. इन महाविद्यालयों में तात्कालिक शिक्षण के लिए ‘विद्या सम्बल योजना’ (Vidya Sambal Yojna) शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंस (Mahatma Gandhi Institute of Governance and Social Science) स्थापित करने की पहल की है.


स्कूटी योजना में स्कूटी के साथ पांच वर्ष का बीमा, 2 लीटर पेट्रोल और हेलमेट  
शासन सचिव उच्च शिक्षा एनएल मीणा ने बताया कि इस स्कूटी योजना के तहत वर्ष 2020-21 में कुल 10,050 स्कूटी वितरण का लक्ष्य रखा गया, जिस पर लगभग 60 करोड़ रूपए खर्च होंगे. सभी लाभार्थियों को स्कूटी के साथ ही छात्रा के नाम रजिस्ट्रेशन, पांच वर्ष का बीमा, दो लीटर पेट्रोल और हेलमेट भी दिया जा रहा है. पंचायतीराज चुनाव आचार संहिता के कारण भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर और सिरोही को छोड़कर शेष 27 जिलों में स्कूटी वितरण किया जा रहा है.