Bee Keeping: राजस्थान में मधुमक्खी पालन की वजह से एक किसान की किस्मत चमक गई. किसान की मेहनत रंग लाई. आपको बताते हैं उदयपुर शहर के भदेसर गांव के किसान के बारे में जो करीब 12 सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं.


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बात कर रहे हैं उदयपुर शहर के उन्नत किसान मोहनलाल खटीक की. जिनका कहना है कि मधुमक्खी पालन किसानों के लिए एक बेहतरीन कमाई का साधन हो सकता है. किसान मोहनलाल खटीक का कहना है कि मधुमक्खी पालन से साल भर किसानों को फायदा मिलता है. खेती-बाड़ी में कई तरीके के फूल साल भर में खिलते रहते हैं. जिसकी वजह से किसानों को शहद भी भरपूर मात्रा में मिल सकता है. 


किसान मोहनलाल खटीक का कहना है कि अगर कोई किसान खेती के साथ मधुमक्खी पालन करता है तो ये उसके लिए बेहतर विकल्प भी साबित हो सकता है और आय में बढ़ोतरी की संभावना है.


किसान मोहनलाल खटीक का कहना है कि उन्होंने करीब 12 साल पहले  मधुमक्खी पालन शुरू किया था. जिसके बाद उनकी आय भी बढ़ी.  मधुमक्खी पालन उन्होंने खेती के साथ शुरू किया जिससे उनकी आय दोगुनी हुई. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि अन्य किसानों को भी मधुमक्खी पालन करने की तकनीक उन्होंने बताई है. जिससे किसानों को फायदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार भी कई तरीके की योजनाएं चला रही है. जिससे किसानों को सब्सिडी मिल सकती है.


कैसे करें मधुमक्खी पालन


मधुमक्खी पालन करने के लिए स्थानीय कृषि विभाग में संपर्क करें. अगर आपको इस बारे मे पूर्व में कोई जानकारी नहीं है तो जो लोग पहले से ये काम कर रहे हैं उनसे संपर्क करें. इसके बाद जगह का चयन करें. इसके बाद मधुमक्खी पालन में उपयोग होने वाले उपकरणों की खरीद करें. एक्सपर्ट शुरूआत में दो छत्ते बनाकर पालन करने की सलाह देते हैं. स्थानीय मधुमक्खियों की जानकारी भी जरूर लें. मधुमक्खी पालन में 3 प्रकार की मधुमक्खियों की जरूरत होती है. पहली रानी मधुमक्खी जो 24 घंटे में लगभग 800-1500 अंडे दे सकती है.


कैसी होनी चाहिए मधुमक्खी पालन की जगह 


मधुमक्खी पालन का स्थान सूखा और खुला होना चाहिए.


चयन किए गए स्थान पर पेड़-पौधे जरूर होने चाहिए जो मधुमक्खियों को पराग उपलब्ध कराए


मधुमक्खी पालन के लिए जरूरी उपकरणों की बात करें तो आपके पास लकड़ी के बने बॉक्स, हाथों के दस्ताने, रानी मक्खी, खुली भूमि, शहद एकत्रित मशीन होनी जरूरी है.