Alwar: अलवर जिले के शाहजहांपुर नीमराना (Jaipur News) में रात्रि से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा. रात भर होती रही मावठ रबी की फसल के लिए रामबाण साबित होगी. वहीं शीतलहर चलने से ठंड का असर और बढ़ने की संभावना है. लगातार जिले में बीते दो दिन से बादलों और कोहरे के कारण सूरज तरस रहा था. खराब मौसम के कारण शहर के बाजारों में लोगों की भीड़ कम नजर आई. जबकि इसी महीने 22 जनवरी से फिर से प्रारंभ हो रहे हैं. दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते देखे गए.

 


 

जिले भर में रात भर से बारिश होने से निचले इलाकों में पानी भर गया. वहीं मावठ से रबी की फसल में गेहूं जो चना-सरसों के लिए रामबाण औषधि का काम करेगा, लेकिन यदि कोहरा किसानों पर अधिक बना रहा तो सरसों की फसल के लिए आपदा हो सकती है. किसानों का कहना कि सरसो की फसल में दाना बन रहा है. अगर ज्यादा कोहरा होने से सरसो का दाना कमजोर पड़ जाता है और सरसो उत्पादन में कम होती है. जिले में रात भर से हो रही बारिश से तापमान लुढ़ गया. जिससे सर्दी और बढ़ गई और सर्दी अधिक बढ़ने से लोगों की दिन चर्या पर भी असर पड़ता दिख रहा है. 

 

मौसम विभाग की माने तो जिले में 9 जनवरी तक बारिश होने और ओले गिरने की संभावना है. वहीं मौसम साफ होने पर 10 जनवरी से जिले में कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है. जिले में इस बार सरसों की 2 लाख 85 हजार 500 हेक्टेयर में बुआई हुई है. जबकि पिछले साल 2 लाख 36 हजार 389 हेक्टेयर में बुआई हुई थी. इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले इस साल 49 हजार 111 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की अधिक बुआई हुई है. पिछले साल जिले में सरसों का उत्पादन 3 लाख 54 हजार 452 मीट्रिक टन हुआ था. 

 

इस बार चने की 13 हजार 650 हेक्टेयर में बुआई हुई है जबकि पिछले साल 10 हजार 548 हेक्टेयर में बुआई हुई थी. इस प्रकार पिछले साल की तुलना में इस साल 3 हजार 102 हेक्टेयर क्षेत्र में चने की अधिक बुआई हुई है. पिछले साल चने का 11 हजार 293 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. इस बार जौ की 6 हजार 565 हेक्टेयर में बुआई हुई है. जबकि पिछले साल 5 हजार 221 हेक्टेयर में बुआई हुई थी. इस तरह पिछले साल की तुलना में इस साल जौ की 1 हजार 344 हेक्टेयर क्षेत्र में अधिक बुआई हुई है. पिछले साल जौ का उत्पादन 6 हजार 365 मीट्रिक टन हुआ था.

 

Reporter: Jugal Gandhi